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Mahamandleshwar Invitation: यति नरसिंहानंद गिरी जी ने दिया अशरद मदनी को सनातन में आने का निमंत्रण

पैगम्बर मौहम्मद ने दुनिया से गया था कि इस्लाम के 73 फिरके होंगे, जिनमें केवल एक जन्नती होगा,बाकी सारे जहन्नमी होंगे। इसका अर्थ है कि सारे के सारे फिरको के मुसलमान स्वयं को जन्नती अर्थात सच्चा मुसलमान समझेंगे तथा और बाकी सबको जहन्नमी समझेंगे।इसका अर्थ यह है की इस्लाम की जंग काफिरो को मारकर आपस मे लड़ मरने तक चलती रहेगी। अब अशरद मदनी इस सत्य को स्वीकार करके सत्य और न्याय की ओर आये और सम्पूर्ण मानवता की रक्षा का मार्ग प्रशस्त करें।

गाजियाबाद। माँ बगलामुखी व सहस्त्र चण्डी महायज्ञ से महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी ने अशरद मदनी को सनातन में आने का निमंत्रण दिया है। महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि सनातन की प्राचीनता को स्वीकार करने के लिये अशरद मदनी साधुवाद के पात्र हैं।


शिवशक्ति धाम डासना में चल रहे 108 दिवसीय माँ बगलामुखी और सहस्त्र चण्डी महायज्ञ के 29 वें दिन महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने माँ बगलामुखी महायज्ञ की अग्नि के समक्ष जमीयते उलेमा ए हिन्द के अध्यक्ष अशरद मदनी को इस्लाम छोड़ कर सनातन में आने का निमंत्रण दिया।


महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने अशरद मदनी को सम्बोधित करते हुए यज्ञस्थल से एक वीडियो भी जारी किया। उन्होंने कहा कि अशरद मदनी में ओम के सत्य को स्वीकार करके मानवता की बहुत बड़ी सेवा की है। उनका यह कहना बिल्कुल सही है कि मनु महाराज ओम की आराधना करते थे। मनु महाराज लाखों वर्ष पूर्व हुए हैं। उन्हीं से सभ्यता और संस्कृति का प्रकाश सम्पूर्ण विश्व मे फैलना आरम्भ हुआ था तथा सनातन धर्म का विस्तार होना आरम्भ हुआ।


यही सभ्यता और संस्कृति अरब में भी फली फूली। अरब में भी अल लात,अल उज्जा और मनात के रूप में माँ महाकाली, माँ सरस्वती और माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती थी। इन तीनों को अल्लाह की बेटी माना जाता था। अरब के प्राचीन अल्लाह और मुसलमानों के अल्लाह में बहुत अंतर है।

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प्राचीन काल में अरब में अल्लाह देवाधिदेव भगवान महादेव शिव को कहा जाता है, जो सम्पूर्ण जगत के लिये लोक कल्याणकारी और शुभ हैं। परंतु मुसलमानों का अल्लाह शैतानी शक्ति है, जो मुसलमानों को निर्दोष काफिरों अर्थात् गैर मुस्लिमों की हत्या का आदेश देता है और उन्हें काफिरों की बेटियों सहित घर, संपत्ति, और संसाधन लूटने और उनके पूजा स्थलों को लूटने और तोड़ने के लिये प्रेरित करता है।


उन्होंने कहा कि जब तक मुसलमान मोहम्मद के अल्लाह को छोड़कर सनातन धर्म के शिव की शरण में नहीं आते तब तक दुनिया मे शांति कभी सम्भव नहीं होगी। पैगम्बर मौहम्मद ने दुनिया से गया था कि इस्लाम के 73 फिरके होंगे, जिनमें केवल एक जन्नती होगा,बाकी सारे जहन्नमी होंगे। इसका अर्थ है कि सारे के सारे फिरको के मुसलमान स्वयं को जन्नती अर्थात सच्चा मुसलमान समझेंगे तथा और बाकी सबको जहन्नमी समझेंगे ।इसका अर्थ यह है की इस्लाम की जंग काफिरो को मारकर आपस मे लड़ मरने तक चलती रहेगी। अब अशरद मदनी इस सत्य को स्वीकार करके सत्य और न्याय की ओर आये और सम्पूर्ण मानवता की रक्षा का मार्ग प्रशस्त करें।


जब महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी यह आह्वान कर रहे थे तो उनके साथ यति रामस्वरूपानंद जी,यति कृष्णानंद जी,यति आत्मानंद जी,यति सत्यानंद जी सहित अनेक संत और श्रद्धालु उपस्थित थे।

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