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Kanpur Mandouli Case: रुरा थानाध्यक्ष दिनेश गौतम निलम्बित, पीड़ित परिवार की वीडियो सामने आयी

इस मामले में रुरा के एसडीएम, लेखपाल, रुरा थानाध्यक्ष सहित 39 लोगों के खिलाफ हत्या व अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इस प्रकरण में पुलिस ने जेसीबी ड्राईवर और लेखपाल को गिरफ्तार कर चुकी है । अब ग्रामीण बाकी सभी नामजदों के अबिलंव गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने निर्देश पर मामले की मजिस्ट्रेट जांच की जा रही है। जबकि शासन के निर्देश पर जांच एसआईटी को सौंपी गयी है, जिसका नेतृत्व कानपुर मंडलायुक्त कर रहे हैं।

कानपुर देहात। थाना रुरा के गांव मंड़ौली अग्निकांड मामले (Kanpur Mandouli Case) में कार्यवाही का दौर तेज हो गया है। इस अग्निकांड में मृतक मां-बेटी के अंतिम संस्कार होने के बाद रुरा थानाध्यक्ष दिनेश गौतम को निलंबित कर दिया गया। रुरा थानाध्यक्ष अतिक्रमण हटवाने के दौरान मैथा तहसील प्रशासन के साथ मौजूद थे। घटना से पूर्व का पीड़ित परिवार की वीडियो सामने आयी है, जिसमें वे प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते नज़र आ रहे हैं।


बता दें कि रुरा थाना क्षेत्र के मड़ौली गांव में तहसील मैंथा प्रशासन पुलिस को लेकर ग्रामीण कृष्ण गोपाल दीक्षित का मकान गिराने पहुंचा था। गांव मंड़ौली में बुलडोजर कार्रवाई के दौरान कृष्ण गोपाल दीक्षित के घर में आग लग गयी थी। इसमें कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला व बेटी नेहा की मकान के अंदर ही जलकर मौत हो गयी थी।

प्रमिला ने जिलाधिकारी से मिलने के बाद पत्रकारों को दी थी अपने साथ हुई नाइंसाफी की जानकारी


इस मामले में रुरा के एसडीएम, लेखपाल, रुरा थानाध्यक्ष सहित 39 लोगों के खिलाफ हत्या व अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इस प्रकरण में पुलिस ने जेसीबी ड्राईवर और लेखपाल को गिरफ्तार कर चुकी है । अब ग्रामीण बाकी सभी नामजदों के अबिलंव गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने निर्देश पर मामले की मजिस्ट्रेट जांच की जा रही है। जबकि शासन के निर्देश पर जांच एसआईटी को सौंपी गयी है, जिसका नेतृत्व कानपुर मंडलायुक्त कर रहे हैं।

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उधर मंड़ौली गांव में हुए अग्निकांड को लेकर 14 जनवरी का वीडियो सामने आया है। पता चला है कि जब तहसील मैंथा प्रशासन और पुलिस पीड़ित परिवार का मकान गिराने पहुंची थी, तब परिवार के लोगों ने बिना नोटिस मकान गिराने का विरोध किया था।


ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने बिना नोटिस के ही जबरन पक्का मकान तोड़ा था। प्रशासन ने दबंगई के दम पर पीड़ित परिवार को बेघर कर दिया था। मकान तोड़ने के दौरान पुलिस ने पीड़ित परिवार का मोबाईल फोन छीना था और परिजनों के साथ गाली गलौज की थी। इसके बाद बाद कृष्ण गोपा, दीक्षित का परिवार डीएम कार्यालय पहुंचा था।

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