मुकेश अंबानी को धमकी देने वाला आरोपी गिरफ्तार
Mukesh Ambani: भारत और एशिया के सबसे अमीर इंसान मुकेश अबानी को जान से मारने की धमकी देने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया हैं. आरोपी खुद को सबसे बड़ा टेक्नोलॉजी का मास्टर गुरू मानता था. अंबानी को धमकी देने वाला आरोपी शादाब खान को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी की उम्र महज 21 साल है और वह कंप्यूटर साइंस का स्टूडेंट है. आरोपी शादाब पुलिस को फर्जी नाम बताकर बेवकूफ बनाने की कोशिश करता था. आखिर शादाब क्यों मुकेश अंबानी को जान से मारने की धमकी दी थी. अब यह सबसे बड़ा सवाल हैं कि आखिर 21 साल के इस युवक ने ऐसा कदम क्यों उठया इसके पीछे की वजह क्या हैं? पुलिस इंवेस्टीगेशन से जो बात सामने आई है. उसको सुनकर आपके होस उड़ जाएंगे. आरोपी दोस्तों के बीच अपनी धाक जमाने के लिए ऐसा कदम उठाया था. सबसे बड़ी बात ये है कि आरोपी युवक पुलिसकर्मी का बेटा है. आरोपी ने पुलिस से बचने की पूरी कोशिश की लेकिन बचने में असफल हो गया. आरोपी शादाब खान को पुलिस ने इस गलत काम और गलत नाम का इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
तीन बार ई-मेल भेजकर फिरौती मांगी
आरोपी ने पहला ई-मेल 27 अक्टूबर को भेजकर 20 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी. इसके साथ ही 28 अक्टूबर को 200 करोड़ रुपये की मांग की गई. वहीं तीसरा फिरौती 30 अक्टूबर को मेल आया जिसमें सीधे तौर पर 400 करोड़ की फिरौती मांगी गई थी. पुलिस ने जब इस पूरे मामले में जांच करनी शुरू की तब उसका संबंध बेल्जियम देश से सामने आ रहा था. आरोपी वीपीएन मास्किंग का यूज करके ई-मेल भेजने का काम करता था. वीपीएन मास्किंग का यूज करके आरोपी इस तरह से ई-मेल भेजकर पुलिस को बहुत ही परेशानी में डाल दिया था. इस ऑपरेशन में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट ने आरोपी को गुजरात के गांधीनगर के कल्लोल से राजवीर खांट नामक 21 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया हैं. आरोपी ने अपना असली नाम राजवीर कांत बताया है. आरोपी ने यह धमकी भरा ईमेल शादाब खान के नाम से shadabchan@mailfence.com भेजा था और करोड़ो रुपये की मांग की थी. आरोपी के पिता कलोल पुलिस स्टेशन में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं. आरोपी कंप्यूटर साइंस का फाइनल ईयर का छात्र है. आरोपी राजवीर कांत ने एक मेलफेस अकाउंट का इस्तेमाल किया कर रहा हैं. देश में इसके केवल 500 यूजर्स हैं. इन सभी यूजर्स में से केवल 150 यूजर्स इस पर एक्टिव हैं. आरोपी ने डार्क वेब की तकनीक में महारत हासिल किया है. इन जैसे कामो में डार्क वेब को बहुत ही खतरनाक माना जाता है. डार्क वेब का इस्तेमाल बड़े-बड़े साइबर क्राइम इसी तरीके करते हैं. आरोपी इतना शातिर हो गया था की लगातार अपना आईपी एड्रेस बदल रहा था. जब आरोपी इस तरह से अपना आईपी एड्रेस एक देश से दूसरे देश में बदलता रहता है. तो ऐसे में किसी का भी पता लगाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है. खासकर पुलिस को आरोपियों को पकड़ने में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं. आरोपी का मानना है कि उसने गलती की और पकड़ा गया. आरोपी ने आईपी एड्रेस बदलते समय उसने अपने आईपी एड्रेस की जानकारी दी और दूसरे ही दिन पुलिस ने इसका पता लगा लिया और मुंबई की पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.