ट्रेंडिंगन्यूज़बड़ी खबर

बुलडोजर कार्रवाई पर SC से UP सरकार से तीन दिन में मांगा हलफनामा, अगले सप्ताह होगी सुनवाई

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में दंगा, हिंसा, उपद्रव के आरोपियों के खिलाफ योगी सरकार द्वारा की जा रही बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए की याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर फिलहाल रोक से इंकार करते हुए इस मामले में यूपी सरकार से तीन दिन में हलफनामा मांगा है। सुप्रीम कोर्ट से याचिकाकर्ताओं को तत्काल कोई राहत न मिलने से उपद्रवियों को पक्ष लेने वालों को मुंह की खानी पड़ी है।

जमीयत उलेमा-ए- हिन्द ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके यूपी में अपराधियों के अवैध निर्माणों पर बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यूपी सरकार को इस संबंध में तीन दिन के भीतर अदालत में हलफनामा देने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने साफ किया है कि वे बुलडोजर कार्रवाई पर रोक नहीं लगा रहे हैं। लेकिन अवैध संरचना को ध्वस्त करने के लिए कानून का पालन करते हुए सरकार बुलडोजर कार्रवाई जारी रख सकती है। इस मामले में अगली सुनवाई आने वाले सप्ताह में होगी।

ये भी पढ़ें- Kanpur Violence: हयात जफर ने रिमांड में उगली सच्चाई, 200 हिन्दू परिवारों को उजाड़ने की थी साजिश !

इस याचिका का महत्व इसलिए भी बढ गया था, क्योंकि इस याचिका पत्र में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वी. सुदर्शन रेड्डी, न्यायमूर्ति वी गोपाल गौडा, न्यायमूर्ति एके गांगुली, दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एपी शाह, मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश के चन्द्रू और कनार्टक हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मौहम्मद अवनर के हस्ताक्षर होने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण, प्रशांत भूषण, इंदिरा जयसिंह, श्रीराम पंचू और आनंद ग्रोवर के हस्ताक्षर थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद दिये गये फैसले पर सभी ने संतोष जताया है। यहां यह भी बता दें कि जमीयत उलेमा-ए- हिन्द ने दिल्ली के जहांगीरपुरी हिंसा में दिल्ली नगर निगम द्वारा की गयी वहां बुलडोजर चलाने पर रोक के लिए भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, तब उसे सुप्रीम कोर्ट से तत्काल राहत मिल गयी थी, लेकिन यूपी के मामले में फिलहाल जमीयत उलेमा-ए- हिन्द को निराश होना पड़ा है।

Shubham Pandey। Uttar Pradesh Bureau

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button