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आखिर ममता ने केंद्र सरकार को अल्टीमेटम क्यों दिया है ?

Political News: देश में चारो तरफ राजनीतिक सरगर्मी है। सामने लोकसभा चुनाव है। एक तरफ मंदिर की राजनीति चरम पर है तो दूसरी तरफ राहुल की न्याय यात्रा राजनीति में कई नैरेटिव को सेट कर रही है। उधर बिहार में अलग ही कहानी है। नीतीश बाबू ने इंडिया गठबंधन की नीव रखी थी और अब वे खुद ही अपनी पार्टी के साथ बीजेपी में जाने को तैयार हैं। पहले बीजेपी को हराने निकले थे अब इंडिया गठबंधन पर वार करेंगे। विचित्र खेल है और विचित्र है यह राजनीति।
हेमंत सोरेन पर ईडी का दबाव है। आज फिर से ईडी ने हेमंत को समन जारी किया है और 29 या 30 तारीख को पूछताछ के लिए समय की मांग की है। लेकिन इस बार ईडी के समन में तल्खी भी है। ईडी ने साफ़ किया है कि वे इस तारीख को कहाँ मिलेंगे बताये। अगर नहीं बताते हैं तो ईडी इस बार खुद पहुँच जाएगी।


इधर बंगाल की शेरनी कही जाने वाली ममता बनर्जी भले ही इंडिया गठबंधन के दलों को बंगाल में कोई भी सीट देने से मना कर दिया है और सभी सीटों पर खुद ही लड़ने की बात कही है। लेकिन ममता के इस खेल से ज्यादा अहम् ममता का वहअल्टीमेटम है जो मोदी सरकार को दिया है। ममता का यह अल्टीमेटम केंद्र को सभी बकाया राशि भुगतान करने के लिए दिया गया है। ममता ने 26 जनवरी को अल्टीमेटम जारी करते हुए मोदी सरकार को कहा है कि अगर सात दिनों के भीतर केंद्र सरकार फंड रिलीज नहीं करती है तो टीएमसी बड़े पैमाने पर सरकार का विरोध प्रदर्शन शुरू करेगी। ऐसे में मोदी सरकार को तुरंत इस मांग पर विचार करने की जरूरत है।
ममता के इस अल्टीमेटम के बाद माना जा रहा है कि केंद्र और राज्यों के बीच लड़ाई शुरू हो सकती है। जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार के पास बंगाल की बड़ी धन राशि बकाया है। केंद्र पर बंगाल राज्य का मनरेगा का फंड ही 6900 करोड़ का बकाया है। प्रधानमंत्री आवास योजना का 9330 करोड़ ,राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का 830 करोड़ ,ग्राम सड़क योजना का 770 करोड़ ,स्वच्छ भारत मिशन का 350 करोड़ बकाया है। इसके अलावे कई और योजनाओं क भुगतान भी केंद्र पर बकाया है।
बकाये राशि के भुगतान को लेकर ममता कई बार केंद्र सरकार से मिलती रही है। पीएम मोदी से भी ममता की कई बार मुलाकात इस सन्दर्भ में हुई है। लेकिन अभी तक कोई भुगतान नहीं हुआ है। अभी बीते साल 20 दिसंबर को भी पीएम मोदी के साथ ममता की मुलाकात हुई थी। कहा गया था कि केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी आपस में बैठकर इस पर बात करेंगे और मामले को सुलझा लेंगे। लेकिन आज तक इस पर कोई बैठक नहीं हुई है।


अब जब बंगाल सरकार के कई मंत्रियों और विधायकों से लेकर सांसदों पर जब ईडी की नकेल कसती जा रही है तब ममता भी केंद्र को घेरने के लिए अपने बकाये राशि के लिए सरकार पर दबाव डाल रही है। जानकार कह रहे हैं कि अगर यह मामला नहीं सुलझा तो कई राज्यों की हलात भी ख़राब हो सकती है। फिर कई राज्य सरकार केंद्र के खिलाफ आंदोलन पर ज सकते हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि बजट के बाद केंद्र सरकार कुछ कर पति है या नहीं। अगर कुछ नहीं करती है तो ममता बनर्जी दिल्ली में कोई बड़ा आंदोलन खड़ा कर सकती है और मोदी सरकार की परेशानी भी बढ़ सकती है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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