Uttarakhand Civil Defense: भारत-पाक तनाव के बाद उत्तराखंड में सिविल डिफेंस को लेकर सरकार सतर्क, सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा तैयारियों को मिली रफ्तार
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने सिविल डिफेंस व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए हैं। चीन और नेपाल से सटी सीमाओं को लेकर संवेदनशील जिलों में सुरक्षा बढ़ाई जा रही है। संबंधित विभागों को सेना के साथ समन्वय बनाकर तैयारियों को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
Uttarakhand Civil Defense: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के बाद देशभर में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। केंद्र सरकार जहां कश्मीर से कन्याकुमारी तक सुरक्षा ढांचे को सुदृढ़ करने की दिशा में काम कर रही है, वहीं सीमावर्ती राज्यों में तैयारियों को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी कड़ी में उत्तराखंड सरकार ने भी राज्य के संवेदनशील इलाकों में सिविल डिफेंस की व्यवस्था को मजबूत करने का निर्णय लिया है।
उत्तराखंड की सीमाएं सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण
उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से देश का एक अहम राज्य है, क्योंकि इसकी सीमाएं दो देशों—चीन और नेपाल—से लगती हैं। उत्तर में चीन के साथ उत्तराखंड करीब 345 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है, जो उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जिलों से गुजरती है। वहीं, पूर्व में नेपाल के साथ 275 किलोमीटर सीमा पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर और उधम सिंह नगर से लगी हुई है। विशेष बात यह है कि पिथौरागढ़ जिला दोनों देशों से सीमा साझा करता है, जिससे यह क्षेत्र अत्यधिक संवेदनशील बन जाता है।
पढ़े ताजा अपडेट: Newswatchindia.com: Hindi News, Today Hindi News, Breaking
सिविल डिफेंस के विस्तार की योजना
फिलहाल उत्तराखंड में केवल देहरादून को ही सिविल डिफेंस जिले के रूप में अधिसूचित किया गया है, लेकिन हालात को देखते हुए अब अन्य जिलों में भी इस व्यवस्था को विस्तार देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने गृह, आपदा प्रबंधन, खाद्य आपूर्ति और पुलिस विभागों को आपसी तालमेल से कार्य करने के निर्देश दिए हैं। प्रारंभिक रूप से छह जिलों में सिविल डिफेंस यूनिट के विस्तार की योजना बनाई गई है।
सेना के साथ मिलकर रणनीति बनाने के निर्देश
सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सेना, वायुसेना और अर्धसैनिक बलों के साथ समन्वय स्थापित करें। इन बैठकों में राज्य की सुरक्षा को लेकर विस्तृत चर्चा की जाएगी और भविष्य की किसी भी चुनौती से निपटने की योजना तैयार की जाएगी।
रिटायर्ड ब्रिगेडियर की चेतावनी और सुझाव
रिटायर्ड ब्रिगेडियर विनोद पसमोला ने राज्य सरकार के इस निर्णय की सराहना की है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की सीमाएं चीन और नेपाल जैसे देशों से लगती हैं, जहां हालात कभी भी बदल सकते हैं। ऐसे में सिविल डिफेंस की व्यवस्था हर सीमावर्ती जिले में होनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि गृह मंत्रालय द्वारा 1968 के नागरिक सुरक्षा नियमों के अंतर्गत राज्यों को कुछ विशेष शक्तियां दी गई हैं, जो आपातकाल या युद्ध जैसी स्थिति में लागू होती हैं।
Latest ALSO New Update Uttar Pradesh News, उत्तराखंड की ताज़ा ख़बर
क्या होता है सिविल डिफेंस?
सिविल डिफेंस एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें स्थानीय प्रशासन, पुलिस, अग्निशमन, अर्धसैनिक बल और अन्य विभाग मिलकर संकट की स्थिति में समन्वय से काम करते हैं। इसमें आम नागरिकों को भी प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे आपातकालीन परिस्थितियों में सहयोग कर सकें। देशभर में ऐसे 250 से अधिक सिविल डिफेंस जिले पहले से मौजूद हैं और इन्हें अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।
आपदा प्रबंधन और कंट्रोल रूम से जुड़ाव की जरूरत
ब्रिगेडियर पसमोला ने सुझाव दिया कि उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन विभाग और अन्य राहत कार्यों में संलग्न विभागों को कंट्रोल रूम से जोड़ा जाए। इससे किसी भी संकट के समय त्वरित सूचना और समन्वय संभव हो सकेगा।
READ MORE: उत्तराखंड हज कमेटी में पहली बार मुस्लिम महिलाओं को मिला प्रतिनिधित्व, धामी सरकार का ऐतिहासिक कदम
टिहरी डैम की सुरक्षा भी प्राथमिकता में
सिर्फ सीमाएं ही नहीं, उत्तराखंड के जल संसाधन जैसे टिहरी डैम भी सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील हैं। राज्य सरकार अब इन बांधों की सुरक्षा व्यवस्था को भी पुनः सुदृढ़ करने जा रही है। टिहरी डैम जैसे प्रमुख बांधों की सुरक्षा के लिए अलग से सुरक्षा घेरा और आधुनिक सुरक्षा प्रणाली विकसित की जाएगी। इसके लिए सभी प्रमुख बांधों का ऑडिट कराने की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है।
उत्तराखंड सरकार द्वारा सीमाओं की सुरक्षा और सिविल डिफेंस को मजबूत करने का यह कदम न केवल राज्य बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। सीमावर्ती जिलों में आपात स्थिति से निपटने के लिए यह पहल आने वाले समय में अत्यधिक उपयोगी सिद्ध होगी।
Follow Us: हिंदी समाचार, Breaking Hindi News Live में सबसे पहले पढ़ें News watch indiaपर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट न्यूज वॉच इंडिया न्यूज़ लाइवपर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और Latest soprt Hindi News, से जुड़ी तमाम ख़बरें हमारा App डाउनलोड करें। YOUTUBE National। WhatsApp Channels। FACEBOOK । INSTAGRAM। WhatsApp Channel। Twitter।NEWSWATCHINDIA 24×7 Live TV