Agra (राजकुमार तिवारी): दुनिया के सातवें अजूबे ताजमहल को जल्द हीआवारा जानवरों के आतंक से राहत मिलेगी। पुरातत्व विभाग द्वारा अब ताजमहल के दोनों एंट्री गेटों पर बैरिकेडिंग लगाकर एक कर्मचारी को कुत्तों के अंदर आने से रोकने की जिम्मेदारी दी गयी है। वहीं ताजमहल में आने वाले पर्यटकों को बंदरों से निजात दिलाने के लिए पुरातत्व विभाग, नगर निगम और वन विभाग एक साथ मिलकर रणनीति तैयार कर रहे हैं।
बता दें कि पूरी दुनिया में अपनी खूबसूरती का परचम लहराने वाले ताजमहल पर आवारा कुत्तों, बंदरों और सांडों के आतंक का मामला गत एक सप्ताह से पुरातत्व विभाग की किरकिरी करवा रहा था। ताजमहल के सेंट्रल टैंक में बंदरों और कुत्तों के डुबकियां लगाने, पानी के नलों पर बंदरों का पहरा होने और ताजमहल के बाहर रेड ज़ोन में आवारा सांडों के घूमने और लड़ने के मामले सामने आ रहे थे। दो दिन पूर्व बंदरों द्वारा ताजमहल मुख्य गुंबद पर बच्चे के ऊपर हमला करके पानी की बोतल छीन ली गयी थी। किसी ने बंदर के बच्चे पर हमला करने और उसकी मां के बंदरों से भिड़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था, जिससे पर्यटकों में डर व्याप्त हो गया था।
पुरातत्व अधीक्षक आर.के पटेल का कहना है कि ताजमहल के गेटों पर जब भीड़ ज्यादा हो जाती है तो कुत्ते भीड़ के साथ ही अंदर घुस जाते हैं। पटेल ने कहा कि कुत्तों के ताजमहल में घुसने से रोकने के लिए ताजमहल के पूर्वी व पश्चिमी दोनों गेटों पर बैरिकेडिंग के साथ एक-एक व्यक्ति की ड्यूटी लगाई है। इस कर्मचारी की जिम्मेदारी होगी कि कोई कुत्ता अंदर न आने पाये, चाहे कितनी भी भीड़ हो। नगर निगम की टीम भी ताजमहल के आस -पास के क्षेत्र से कुत्तों और आवारा सांडों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाएगा।
ये भी पढ़ें : Maharashtra Political Crisis: संजय राउत ने कहा- उद्धव सरकार को कोई खतरा नहीं, बागियों को मुंबई आने की नहीं हो रही हिम्मत
पुरातत्व अधीक्षक आर के पटेल का यह भी कहना है कि ताजमहल पर बंदरों की संख्या भी अधिक हो गयी है। हालांकि बंदरों को ताजमहल परिसर में आने से रोकना आसान नहीं है। इसके लिए वन विभाग और नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक कर बंदरों को ताजमहल में प्रवेश से रोकने के लिए व्यापक रणनीति बनाई जाएगी।