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अतीक अहमद के काले कारनामो का काला सच !

UP Latest Crime News! अतीक अहमद से 33 साल से लड़ रहीं जयश्री कुशवाहा को क्या आप जानते है??

जयश्री कुशवाहा के पति 15 सालों से लापता है. कानून के मुताबिक कोई 10 साल से अधिक लापता रहता है तब उसे फाइलों में मृत घोषित कर दिया जाता है जयश्री के बेटे पर फायरिंग हो चुकी। और खुद जयश्री पर कई बार हमला हो चुका है।बावजूद इसके वे 33 साल से माफिया अतीक अहमद से लड़ रहीं हैं जो कभी उत्तर प्रदेश में खौफ का पर्याय था।

पूरा मामला क्या है

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज(PRAYAGRAJ) में धूमनगंज इलाके के झलवा की रहने वाली सूरजकली कुशवाहा उर्फ जयश्री की उम्र 60 वर्ष है।जयश्री के पति बृजमोहन कुशवाहा के पास 12 बीघा से अधिक जमीन थी. इस पर बढ़िया खेती होती थी। परिवार का इसे जमीन से पालन-पोषण होता था। लेकिन एक दिन अचानक सब कुछ बदल गया। जयश्री के पति लापता हो गए। और जमीन पर अतीक ने कब्जा जमा लिया.

जयश्री ने बताया अतीक अहमद (atiq) के अब्बू फिरोज के पास लाल रंग का एक ट्रैक्टर था. इस ट्रैक्टर से किसानों के खेतों की जुताई-बुवाई होती थी. यही ट्रैक्टर से हमारे खेतों में भी काम होता था लेकिन उनकी जमीन देखकर अतीक के मन में लालच आ गया. अतीक का करीबी लेखपाल मानिकचंद श्रीवास्तव(Manikchand srivastava) एक दिन जयश्री के पास आया और कहा कि उनकी जमीन शिवकोटी सहकारी आवास समिति के नाम पर दर्ज हो गई है

दरअसल, माफिया अतीक अहमद ने शिवकोटी सहकारी समिति बनाकर जयश्री की पूरी जमीन अपने नाम करवा ली थी। यही नहीं अतीक ने इसमें 2 लोगों को सचिव बनाया और इस जमीन को बेचना शुरू कर दिया। जयश्री ने बताया 1989 में एक दिन उनके पति अचानक से लापता हो गए। वह कहाँ गए किसी को कुछ नही पता था इसके कुछ दिनों बाद उन्हें पता चला कि जमीन अब उनकी नहीं रही। जमीन जयश्री और उनके परिवार के जीवनयापन का सबसे बड़ा सहारा था। इसलिए उन्होंने गाँव वालों से सहायता माँगी और अपनी जमीन वापस पाने के लिए अदालत में आपत्ति दाखिल कर दी। इस बीच उन्हें यह पता चल गया था कि जमीन हड़पने का पूरा खेल अतीक अहमद(atiq ahmed) का था। लेकिन जयश्री ने हार नहीं मानी थी

जयश्री ने बताया कि जब उनकी जमीन हड़पी गई, तब अतीक अहमद(atiq ahmed) विधायक था। उसने उन्हें कई बार अपने कार्यालय में बुलाया। अतीक के बुलावे पर जब वह पहली बार गईं तो उसने कहा कि तुम्हारा पति मेरा बहुत खास था। तुम्हारे पति के बाद अब तुम्हारे परिवार की जिम्मेदारी मेरी है। अपनी जमीन दे दो और घर में रहो। जयश्री ने इनकार किया तो अतीक भड़क गया। कहा कि जिस तरह तुम्हारे पति को गायब करवाया है, उसी तरह तुमको भी गायब करवा दूँगा।

जयश्री के मुताबिक इसके बाद अतीक के गुर्गों ने कई बार घर में घुसकर उनके साथ मारपीट की। उसके गुर्गे उन्हें लगातार धमकी देते रहे। लेकिन उन्होंने हमेशा ही अतीक का डटकर मुकाबला किया। वे अपने भाई प्रह्लाद कुशवाहा की करेंट लगने से हुई मौत के लिए भी अतीक अहमद को जिम्मेदार ठहराती हैं। उनका कहना है कि बीते 30 सालों में उनपर 7 बार हमला हुआ। अतीक के गुर्गों ने सैंकड़ों बार उन्हें धमकियाँ दीं। साल 2016 में उनके घर के सामने बेटे और परिवार पर हमला हुआ। इसमें उनके बेटे को गोली लगी थी। लेकिन बेटे की जान बच गई।

जयश्री ने कहा वह कई सालों तक कोर्ट और थाने के चक्कर काटती रहीं। लेकिन अतीक के खिलाफ कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही थी। साल 1991 में उन्हें अतीक के खिलाफ पहली FIR करवाने में कामयाबी हासिल हुई। लेकिन साल 2001 में आरोपों को निराधार बताकर केस बंद कर दिया गया। 2005 में जयश्री(jaishri) को बड़ी सफलता मिली। सीलिंग एक्ट(selling act) से अनुमति नहीं मिलने के कारण शिवकोटी सहकारी आवास समिति का नामांतरण रद्द हो गया। इसके बाद जमीन उनके नाम पर दर्ज कर दी गई। साल 2007 में सूबे के सियासत में परिवर्तन हुआ। इसके बाद अतीक के खिलाफ FIR दर्ज हुई और कार्रवाई का सिलसिला शुरू हुआ।

जयश्री(jaishri) के वकील केके मिश्रा (KK mishra) के मुताबिक इस मामले में कुल 4 FIR दर्ज हुई हैं। लेकिन सभी मामलों में अब तक पुलिस विवेचना भी पूरी नहीं हो पाई है। पुलिस ने अतीक और अशरफ के अलावा किसी अन्य आरोपित के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल नहीं की है। जयश्री (jaishri)और उनके परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखकर प्रशासन ने 2 जवान तैनात किए हैं। हालाँकि जयश्री के बेटों ने लाइसेंसी(licence) हथियार के साल 2020 में आवेदन दिया था, जो अब तक नहीं मिला है।

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