Ahmedabad Plane Crash update: इंतजार खत्म! अहमदाबाद विमान हादसे का ब्लैक बॉक्स बरामद, खुलेंगे गहरे राज!
अहमदाबाद एयर इंडिया (air india) विमान दुर्घटना की जांच में बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। घटनास्थल पर जांच में मलबे से जांच अधिकारियों को एक ब्लैक बॉक्स मिल गया है।
Ahmedabad Plane Crash update: अहमदाबाद एयर इंडिया (air india) विमान दुर्घटना की जांच में बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। घटनास्थल पर जांच में मलबे से जांच अधिकारियों को एक ब्लैक बॉक्स मिल गया है।
अहमदाबाद एयर इंडिया विमान दुर्घटना की जांच में बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। घटनास्थल पर जांच में मलबे से जांच अधिकारियों को एक ब्लैक बॉक्स मिल गया है। दुर्घटनाग्रस्त विमान का ब्लैक बॉक्स मिलने के पहले विमान के मलबे से डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) बरामद किया जा चुका है। यह ब्लैक बॉक्स और डीवीआर दोनों ही उपकरण विमान हादसों की जांच में बेहद अहम सबूत होता है, बिल्कुल वैसे ही जैसे आपराधिक मामलों में डीएनए साक्ष्य के तौर पर काम आता है। डीवीआर और ब्लैक बॉक्स की बरामदगी दुर्भाग्यपूर्ण विमान दुर्घटना के अंतिम क्षणों में क्या कुछ हुआ था, उसकी जानकारी देगी।
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क्या होता है ब्लैक बॉक्स
बता दें, black box दो हिस्सों में होता है। पहला फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और दूसरा कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR)। इनमें उड़ान से जुड़ी तमाम तकनीकी जानकारियां और पायलट्स की अंतिम बातचीत रिकॉर्ड होती है, जो यह समझने में मदद करती हैं कि टेकऑफ के बाद किन परिस्थितियों में हादसा हुआ। ये डिवाइस इतने मजबूत बनाए जाते हैं कि वो किसी भी भयंकर टक्कर और आग को झेल सकें। अब विशेषज्ञ इस ब्लैक बॉक्स के डेटा का विश्लेषण करेंगे ताकि हादसे के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके।अधिकारियों को उम्मीद है कि इस ब्लैक बॉक्स से मिले इनपुट्स से पूरे घटनाक्रम की कड़ियां जुड़ेंगी और सटीक वजह सामने आ सकेगी।
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डीवीआर और black box में अंतर
बता दें, डीवीआर (DVR) और black box दोनों डेटा रिकॉर्डिंग डिवाइस होते हैं, मगर इनका उद्देश्य और इस्तेमाल का तरीका अलग होता है। DVR (digitalvideo recorder) आमतौर पर सिक्योरिटी कैमरों से वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह सिस्टम विजुअल फुटेज को रिकॉर्ड करता है और उसे हार्ड ड्राइव या क्लाउड स्टोरेज में सेव करता है। इसका उपयोग अधिकतर निगरानी (surveillance) उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
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वहीं, ब्लैक बॉक्स, जिसे तकनीकी रूप से फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) कहा जाता है, खासतौर पर विमान के लिए बनाया गया होता है। इसमें उड़ान के दौरान विमान की गति, ऊंचाई, दिशा, इंजन थ्रस्ट जैसी तकनीकी जानकारियों के साथ-साथ कॉकपिट में पायलट्स की बातचीत रिकॉर्ड होती है। ब्लैक बॉक्स को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि वह किसी भी विमान दुर्घटना में भीषण आग और टक्कर झेलकर भी डेटा को सुरक्षित रख सके। यही वजह है कि विमान हादसों की जांच में ब्लैक बॉक्स सबसे अहम सबूत माना जाता है।
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