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Air India Crisis: 6 दिनों में 83 उड़ानें रद्द, यात्रियों में हाहाकार, आखिर माजरा क्या है?

पिछले छह दिनों में एयर इंडिया की 83 उड़ानें रद्द हो चुकी हैं, जिससे हजारों यात्री परेशान हैं और उनकी यात्रा योजनाएं धरी की धरी रह गई हैं। इतनी बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द होने से न सिर्फ यात्रियों में गुस्सा है, बल्कि कंपनी के कामकाज पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

Air India Crisis: देश की बड़ी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया इन दिनों मुश्किल में है। पिछले छह दिनों में एयर इंडिया की 83 उड़ानें रद्द हो चुकी हैं, जिससे हजारों यात्री परेशान हैं और उनकी यात्रा योजनाएं धरी की धरी रह गई हैं। इतनी बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द होने से न सिर्फ यात्रियों में गुस्सा है, बल्कि कंपनी के कामकाज पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

पायलटों की कमी या कोई और वजह

फ्लाइट्स रद्द होने की मुख्य वजह पायलटों की कमी बताई जा रही है। खबर है कि एयर इंडिया के कुछ पायलट छुट्टी पर चले गए हैं, जिससे उड़ानें नहीं भर पा रही हैं। लेकिन, इतने सारे पायलटों का एक साथ छुट्टी पर जाना या उनकी कमी का इतना गहरा असर होना कई सवाल खड़े करता है। क्या एयर इंडिया के पास पर्याप्त बैकअप स्टाफ नहीं है? क्या पायलटों के प्रबंधन में कोई कमी हुई है? या फिर इस समस्या के पीछे कोई और बात है जो सामने नहीं आ रही?

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यात्री परेशान, कंपनी की छवि दांव पर

जिन यात्रियों ने एयर इंडिया से टिकट बुक कराए थे, वे अब दर-दर भटक रहे हैं। कई लोगों की जरूरी मीटिंग छूट गईं, तो कई परिवार अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। एयरपोर्ट्स पर यात्रियों का गुस्सा और निराशा साफ दिख रही है। इस स्थिति से एयर इंडिया की छवि को भी भारी नुकसान हुआ है।

सरकार और डीजीसीए की चुप्पी

इतनी बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द होने के बावजूद, सरकार और हवाई यात्रा को नियंत्रित करने वाली संस्था DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) की तरफ से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह चुप्पी भी कई सवाल खड़े करती है। क्या नियामक इस स्थिति पर ध्यान नहीं दे रहा? क्या यात्रियों के हितों की रक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाए जाएंगे?

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आगे क्या होगा?

एयर इंडिया को इस संकट से जल्द से जल्द निपटना होगा। पायलटों की कमी को पूरा करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुख्ता कदम उठाने होंगे। यात्रियों को हुई असुविधा के लिए मुआवजा और बेहतर वैकल्पिक व्यवस्था देना भी एयरलाइन की जिम्मेदारी है। जब तक एयर इंडिया इस संकट से बाहर नहीं निकलती, तब तक उसके भविष्य पर सवालिया निशान लगा रहेगा। अब देखना होगा कि एयर इंडिया इस चुनौती का सामना कैसे करती है और क्या वह एक बार फिर यात्रियों का भरोसा जीत पाती है।

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Written by । Prachi chaudhary । National Desk

2020.. पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद प्राची चौधरी पिछले 3 साल से एंटरटेनमेंट पत्रकार हैं। फिल्मी कीड़ा होना न केवल उनके पेशे का हिस्सा है, बल्कि उनका जुनून भी है। साथ ही, बॉलीवुड और टीवी की शौकीन, उनके पास दिलचस्प गपशप और सेलेब्स के बारे में जानकारियों का पिटारा है। वह इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि वेबसाइट पर आने वाले रीडर्स क्या देख रहे हैं। बाकी 'जर्नलिस्ट बनी ही इसलिए ताकि दुनिया के दिल के करीब रहूं।'

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2020.. पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद प्राची चौधरी पिछले 3 साल से एंटरटेनमेंट पत्रकार हैं। फिल्मी कीड़ा होना न केवल उनके पेशे का हिस्सा है, बल्कि उनका जुनून भी है। साथ ही, बॉलीवुड और टीवी की शौकीन, उनके पास दिलचस्प गपशप और सेलेब्स के बारे में जानकारियों का पिटारा है। वह इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि वेबसाइट पर आने वाले रीडर्स क्या देख रहे हैं। बाकी 'जर्नलिस्ट बनी ही इसलिए ताकि दुनिया के दिल के करीब रहूं।'

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