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Delhi Money Laundering Case: अरविंद केजरीवाल को अंतरिम ज़मानत के साथ SC ने ED को दीं ये 4 ‘सुप्रीम’ सलाह

Along with granting interim bail to Arvind Kejriwal, SC gives these 4 'supreme' advices to ED

Delhi Money Laundering Case: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत दे दी। हालांकि, जमानत मिलने के बाद भी केजरीवाल जेल में ही रहेंगे क्योंकि सीबीआई ने घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने मामले को बड़ी पीठ के पास भेज दिया है। बड़ी पीठ ईडी की शक्ति, धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19 के तहत गिरफ्तारी की आवश्यकता और ईडी द्वारा गिरफ्तारी नीति से संबंधित सवालों पर विचार करेगी।

अब तक क्या हुआ

उच्चतम न्यायालय ने 21 मार्च को मामले में ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर अपना फैसला 17 मई के लिए सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर 15 अप्रैल को ईडी से जवाब मांगा था। आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 9 अप्रैल के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी, जिसमें मामले में उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा गया था।

25 जुलाई तक बढ़ी न्यायिक हिरासत

दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 25 जुलाई तक बढ़ा दी। मामले की जांच सीबीआई कर रही है। केजरीवाल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष पेश किया गया।

सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी

1. अरविंद केजरीवाल एक निर्वाचित नेता हैं, वे 90 दिनों से ज़्यादा समय से जेल में हैं

2. यह केजरीवाल पर निर्भर है कि वे सीएम बने रहें या नहीं

3. चूंकि मामला जीवन के अधिकार से जुड़ा है, इसलिए गिरफ़्तारी का मुद्दा बड़ी बेंच को भेजा गया

जमानत की शर्तें

1. जमानत अवधि के दौरान वह अपने कार्यालय या दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे।

2. मुख्यमंत्री किसी भी आधिकारिक फाइल पर तभी हस्ताक्षर करेंगे जब यह अत्यंत आवश्यक हो।

ईडी को भी सलाह

• ईडी को कोई भी अनुचित छूट और नरमी कानून के शासन और व्यक्तियों के जीवन और स्वतंत्रता के संवैधानिक मूल्यों के लिए हानिकारक होगी।

• किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए ‘विश्वसनीय कारण’ देना आवश्यक है, ताकि गिरफ्तार व्यक्ति हिरासत को चुनौती दे सके।

• अधिकारी को अन्य सामग्री पर भी विचार करना होगा जो गिरफ्तार व्यक्ति को निर्दोष साबित करती है या उसे दोषमुक्त करती है।

• अधिकारी को अन्य सामग्री पर भी विचार करना होगा जो गिरफ्तार व्यक्ति को निर्दोष साबित करती है

• पीएमएलए की धारा 19(1) के तहत गिरफ्तारी की शक्ति का प्रयोग अधिकारी की इच्छा और विवेक पर नहीं किया जा सकता

26 जून को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार

अरविंद केजरीवाल को भी कथित शराब नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में 26 जून को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित है।

Chanchal Gole

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