Amit Shah-JDS: कौन ब्लैक मेलर है और कौन गिरगिट इसका फैसला कोई राजनीतिक पार्टी तो कम से कम नहीं कर सकती। और आज के नेता तो और भी नहीं। भला बायां हाथ दाहिने हाथ को दागदार कैसे बता सकता है ? जब पूरी राजनीति ही ठगी ,बेईमानी और भ्रम पर आधारित हो तो फिर किसके दाग अच्छे है या बुरे इसकी पहचान तो जनता ही करती है।
बहरहाल ,दक्षिण राज्य कर्नाटक में सबसे ज्यादा राजनीति होती दिख रही है। पिछले दिनों अमित शाह कर्नाटक की यात्रा पर गए। वहाँ मई में चुनाव होने हैं। पार्टी के भीतर कई तरह की राजनीति चल रही है। समझने और आगे की रणनीति बनाने के लिए अमित शाह (Amit Shah-JDS) जैसे ही वहाँ पहुंचे अपने नेताओं से बात करने के बाद जेडीएस पर भड़क गए। उन्होंने जेडीएस और उसके नेताओं को ब्लैकमेलर तक कह दिया। इसके पीछे की राजनीति ये है कि ओल्ड कर्नाटक में आज भी जेडीएस की काफी पकड़ है और बीजेपी लाख कोशिश करने के बाद भी वहां बेहतर परिणाम नहीं पा सकी है। शाह ने कहा था कि जो पार्टी सिर्फ 30 -35 सीट जीतकर राजनीति करती हो वह ब्लैकमेलर की भूमिका में होती है। ऐसी पार्टी को जिन्दा नहीं रखना चाहिए।
अब जेडीएस की बारी थी। शाह ने जैसे ही जेडएस (Amit Shah-JDS) को ब्लैकमेलर कहा जेडीएस नेता कुमार स्वामी ने इसका जवाब सियासी गिरगिट कहकर दिया। बीजेपी और जेडीएस के बीच इस जुबानी जंग से प्रदेश के दोनों धरो के नेता दंग हैं। अभी तक तो यही लगता था कि बीजेपी की बी टीम जेडीएस है और इसकी सम्भावना भी है कि आगे की राजनीति में दोनों साथ आएंगे।
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इधर पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा के साथ पीएम मोदी की नजदीकियां कुछ ज्यादा ही बढ़ी है। वे कई बार देवगौड़ा से मिल चुके हैं और उनके आवास पर जा चुके हैं। इसके बाद भी शाह और कुमार स्वामी के बीच की यह राजनीति क्या कहती है इसे समझने की जरूरत है। दरअसल कर्नाटक में मुस्लिम वोट एक बड़ा फैक्टर है। साथ ही वोक्कालिंगा वोट भी चुनावी खेल में अहम् भूमिका निभाने वाला फैक्टर है। वोक्कालिंगा वोट पर जेडीएस (JDS)की काफी पकड़ है और बीजेपी को ये वोटर भाव नहीं देते। बीजेपी को लग रहा है कि इस वोट बैंक पर पकड़ पकड़ हो जाए तो खेल बड़ा होगा और फिर बीजेपी की जीत निश्चित हो जाएगी।