Tripura Election : अमित शाह के हुंकार ,विपक्ष पर हमले और बड़े ऐलान से बदलेगी तस्वीर
त्रिपुरा चुनाव अब अंतिम दौर में है। नेताओं का ताता लगा हुआ है। हर रोज नए -नए नेता त्रिपुरा की धरती पर उतर रहे हैं और स्थानीय लोगो को अपने स्तर पर प्रभावित करने से चूकते नहीं।
त्रिपुरा चुनाव अब अंतिम दौर में है। नेताओं का ताता लगा हुआ है। हर रोज नए -नए नेता त्रिपुरा की धरती पर उतर रहे हैं और स्थानीय लोगो को अपने स्तर पर प्रभावित करने से चूकते नहीं। हर रोज नयी -नयी घोषणाएं भी हो रही है। बीजेपी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कल बड़ी घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि अगर फिर से त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार बनती है तो कॉलेज जाने वाली हर लड़कियों को स्कूटी दी जाएगी। शाह के इस ऐलान का बड़ा असर पड़ता दिख रहा है। पुरे सूबे में इस पर चर्चा होने लगी है। सूबे की कॉलेज गोइंग लड़किया कह रही है कि ऐसा होता है तो बेहतर होगा। जो परिवार अब तक बीजेपी के खिलाफ खड़ा था अब अपनी लड़कियों के दवाब में आता दिख रहा है। उधर वाम दल और कांग्रेस गठबंधन भी कोई बड़ी घोषणा करने की तैयारी में है। टिपरा मोथा पार्टी भी मंथन कर रहा है कि जिन आदिवासी सीट पर उसकी नजर उसके लिए क्या कुछ किया जा सकता है ? त्रिपुरा की 60 सदस्यीय सीट पर 16 तारीख को चुनाव है और सभी पार्टियां पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ रही है। बीजेपी की इज्जत दाव पर लगी है।
शाह चुनावी सभा में काफी हमलावर दिखे। उन्होंने वाम -कांग्रेस गठबंधन पर निशाना साधा। शाह ने कहा कि कांग्रेस के साथ कांग्रेस ने गठबंधन कर साबित कर दिया है वे चुनाव हार रहे हैं। वे अकेले बीजेपी का सामना नहीं कर सकते। उन्होंने कांग्रेस पर भी हमला किया। कहा कि कांग्रेस ने उसी माकपा के साथ है जिसने उनके कई सदस्यों को मार डाला। शाह यही नहीं रुके। उन्होंने कहा कि माकपा की जब भी सरकार थी ,त्रिपुरा के लिए कुछ भी नहीं किया। कोई विकास यहाँ नहीं किया गया। आदिवासियों के लिए आजतक कुछ नहीं किया गया। आज आदिवासी वोट पाने के लिए तरह तरह के खेल किये जा रहे हैं।
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दरअसल बीजेपी भी इस बार असहज है। उसे दो तरफ से चुनौती मिल रही है। एक तरफ तो कांग्रेस – माकपा गठबंधन की बड़ी चुनौती है तो दूसरी तरफ टिपरा मोथा पार्टी ने बीजेपी को परेशान कर दिया है। इस पार्टी की कमान वहाँ के राजवंश से ताल्लुक रखने वाले प्रद्योत के पास है। प्रद्योत की स्थानीय आदिवासी समुदाय पर ख़ास असर है। पिछले चुनाव में बीजेपी को 20 आदिवासी सीटों में से 18 पर जीत हासिल हुई थी लेकिन इस बार समीकरण बदल गए है। बीजेपी को लग रहा है कि टिपरा मोथा पार्टी ने आदिवासी सीटों पर असर डाल दिया तो खेल बिगड़ सकता है। और इसकी संभावना भी जताई जा रही है।
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शाह लगातार केंद्र सरकार की योजनाओ का जिक्र वहाँ कर रहे हैं। लेकिन जनता सब सुनती है और चुपके से खिसक जाती है। लेकिन अब स्कूटी वाले वादे ने बीजेपी को लाभ दिलाने की स्थिति में ला दिया है।