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Oldman beaten by Police: दरोगा के पीटने पर बुजुर्ग को हार्ट अटैक, पुलिस को लेने के देने पड़े

चौकी इंचार्ज इंद्र भूषण सिंह ने शत्रुघ्न के बेटे अजय से 30 हजार रूपये रिश्वत मांगी थी। चौकी इंचार्ज ने कहा कि आप कब्जा करिये। लेकिन इसी बीच दरोगा दूसरे पक्ष से प्रभावित हो गये और ज्यादा रिश्वत लेकर मामले को विवादित बना दिया। दरोगा ने रिश्वत लेकर समस्या का हल ढूढने की बजाय मामले को उलझा दिया। चौकी इंचार्ज इंद्र भूषण सिंह अपने साथियों से साथ जाकर अजय की मां और छोटी बहन को थाने पर ले आया। इसके बाद वह शत्रुघ्न यादव को उठा लाये और उनके साथ मारपीट करके अधमरा कर दिया।

बस्ती। जिले के छावनी थाना अन्तर्गत जमीनी विवाद में दूसरे पक्ष से प्रभावित होकर विक्रमजोत चौकी इंचार्ज इंद्र भूषण सिंह ने फूलडीह निवासी बुजुर्ग शत्रुघ्न यादव की जमकर पिटाई कर दी। इससे शत्रुध्न की हालत बिगड़ गयी। हालत गंभीर होने पर पुलिस खुद उन्हें लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भागी। लेकिन उनकी हालत की गंभीरता को देखते हुए पहले फैजाबाद हॉस्पिटल और फिर वहां से लखनऊ के लिये रेफर किया गया। दरोगा के थर्ड डिग्री को लेकर इलाके में गुस्सा पनप रहा है।


शत्रुघ्न यादव को एम्बुलेंस में लेकर लखनऊ जा रहे उनके परिजन से फोन पर बात हुई। उन्होंने बताया गया कि शत्रुघ्न यादव ने फूलडीह गांव में घर के पास दो साल पहले ही जमीन का बैनामा कराया था। अब वे उस पर अपना कब्जा कर रहे थे। इस पर गांव के ही रहने वाली निशा यादव के परिवार ने इस पर आपत्ति की, जबकि लेखपाल आदि ने जमीन की पैमाइश कर निशानदेही भी की।

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इस मामले में चौकी इंचार्ज इंद्र भूषण सिंह ने शत्रुघ्न के बेटे अजय से 30 हजार रूपये रिश्वत मांगी थी। चौकी इंचार्ज ने कहा कि आप कब्जा करिये। लेकिन इसी बीच दरोगा दूसरे पक्ष से प्रभावित हो गये और ज्यादा रिश्वत लेकर मामले को विवादित बना दिया। दरोगा ने रिश्वत लेकर समस्या का हल ढूढने की बजाय मामले को उलझा दिया।


चौकी इंचार्ज इंद्र भूषण सिंह अपने साथियों से साथ जाकर अजय की मां और छोटी बहन को थाने पर ले आया। इसके बाद वह शत्रुघ्न यादव को उठा लाये और उनके साथ मारपीट करके अधमरा कर दिया। हालत बिगड़ने पर उन्हें उपचार के लिए लखनऊ भेजा गया। शत्रुघ्न यादव की हालत गंभीर बनी हुई है।

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बताया गया है कि जानकारी के अनुसार डायल 112 पर महिला ने फोन करके मिट्टी पाटने को लेकर पुलिस को सूचना दी थी। डायल 112 की पुलिस ने दोनों पक्ष को समझा-बुझाकर चले आए थे, लेकिन बाद में चौकी इंचार्ज विक्रमजोत ने मनमानी करते हुए बुजुर्ग को चौकी पर ले आए।


थानाध्यक्ष दुर्गेश पांडे ने कहना है कि बुजुर्ग को पहले से दिक्कत थी, उस पुलिस ने नहीं पीटा है।लेकिन सवाल उठता है कि यदि शत्रुध्न की हालत खराब थी तो उन्हें चौकी लाये ही क्यों थे। फिलहाल इस दरोगा की करतूस से पुलिस को लेने के देने पड़ रहे हैं।

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