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Uttarakhand Culture: उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को संजोने की पहल, देहरादून के एसजीआरआर पीजी कॉलेज में विरासत गैलरी का उद्घाटन

देहरादून स्थित एसजीआरआर पीजी कॉलेज में उत्तराखंड की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को संजोने के लिए विरासत गैलरी बनाई गई है। इसमें पारंपरिक वाद्य यंत्र, ताम्रपत्र, प्राचीन सिक्के और जनजातीय वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं। यह गैलरी युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ने और इतिहास से परिचित कराने का माध्यम बनेगी।

Uttarakhand Culture: देहरादून स्थित श्री गुरु राम राय (एसजीआरआर) पीजी कॉलेज ने उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने के उद्देश्य से एक विशेष विरासत गैलरी की स्थापना की है। इस पहल का नेतृत्व इतिहास विभाग के प्रमुख डॉ. एम.एस. गुसाईं द्वारा किया गया है, जिनके मार्गदर्शन में यह गैलरी छात्रों और आम जनता को राज्य की परंपराओं और इतिहास से जोड़ने का माध्यम बन रही है।

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गैलरी की विशेषताएं और उद्देश्य

इस विरासत गैलरी में उत्तराखंड के पारंपरिक वाद्य यंत्र जैसे ढोल, दमाऊ, हुड़का, रणसिंघा और डमरू को प्रदर्शित किया गया है, जो राज्य की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक हैं। इसके अलावा, गैलरी में नंदा राजजात यात्रा की प्रतिकृति, पारंपरिक प्रकाश उपकरण जैसे डिबरी और लैंप, तथा भूटिया जनजाति के पारंपरिक वस्त्र और दस्तावेज भी शामिल हैं। इन सभी वस्तुओं के माध्यम से गैलरी का उद्देश्य युवाओं को उनकी सांस्कृतिक जड़ों से अवगत कराना और उन्हें अपनी विरासत पर गर्व महसूस कराना है।

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इतिहास के प्रमाण और ताम्र पत्रों का संग्रह

गैलरी में गढ़वाल क्षेत्र के ऐतिहासिक ताम्र पत्रों की प्रतिकृतियां भी प्रदर्शित की गई हैं, जिनमें तत्कालीन राजाओं द्वारा किए गए भूमि दान, मंदिरों को दिए गए अनुदान और साम्राज्य के विस्तार से संबंधित जानकारियां गढ़वाली भाषा में अंकित हैं। इन ताम्र पत्रों का हिंदी अनुवाद भी गैलरी में उपलब्ध है, जिससे आगंतुकों को राज्य के इतिहास की गहराई से समझ मिलती है।

शैक्षणिक दृष्टिकोण से महत्व

विरासत गैलरी न केवल सांस्कृतिक संरक्षण का केंद्र है, बल्कि यह छात्रों के लिए एक शैक्षणिक संसाधन भी है। यह गैलरी इतिहास के छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करती है, जिससे वे पुस्तकीय ज्ञान से परे जाकर वास्तविक ऐतिहासिक साक्ष्यों का अध्ययन कर सकते हैं। डॉ. गुसाईं के अनुसार, इस गैलरी के माध्यम से छात्रों में अनुसंधान की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे वे अपने राज्य की विरासत को गहराई से समझ सकें।

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भविष्य की योजनाएं

एसजीआरआर पीजी कॉलेज की योजना है कि इस विरासत गैलरी को एक पूर्ण संग्रहालय के रूप में विकसित किया जाए, जो न केवल छात्रों बल्कि आम जनता के लिए भी खुला हो। इस पहल से देहरादून में एक नया सांस्कृतिक केंद्र स्थापित होगा, जो उत्तराखंड की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

एसजीआरआर पीजी कॉलेज की यह पहल उत्तराखंड की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह गैलरी न केवल युवाओं को उनकी जड़ों से जोड़ने का कार्य कर रही है, बल्कि राज्य की समृद्ध विरासत को आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने में भी सहायक सिद्ध हो रही है।

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