APJ Abdul Kalam Death Anniversary: मिसाइल मैन कहे जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) देश को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर देखना चाहते थे। उनका सपना पूरा करने को देश तेजी से अग्रसर है। जिस तरह से कोशिश की जा रहे हैं आने वाले कुछ सालों के अंदर ही देश रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाएगा। देश को रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना ही मिसाइलमैन के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मालूम हो 2002 में एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) भारत के 11वें राष्ट्रपति चुने गए। उस समय इन्हें केन्द्र में सत्ता पर काबिज बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस पार्टी दोनों का ही समर्थन मिला था। डॉ कलाम भारत रत्न अवॉर्ड से भी नवाजे जा चुका है।
बता दें एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में एक मछुआरे के परिवार में हुआ था। वे अपने भाई बहनों में सबसे छोटे थे. पढ़ाई से उन्हें गहरा लगाव था. इस वजह से वे होनहार और मेहनती छात्र कहे जाते थे. अब्दुल कलाम के प्रिय विषय भौतिकी और गणित हुआ करते थे. घर की आर्थिक तंगी कभी उनकी पढ़ाई में बाधा नहीं बन सकी. 12वीं के बाद उन्होंने फिजिक्स और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई तमिलनाडु से की थी। उन्होंने अपनी लगन और प्रतिभा से शिक्षकों को बहुत प्रभावित किया. लेकिन बहुत कम अंकों के कारण उनका फाइटर पायलट बनने का ख्वाब अधूरा रह गया था क्योंकि 8 लोगों के चयन में अब्दुल कलाम का 9वां स्थान आया था . जिसके बाद इन्होंने अपनी जिंदगी के 4 दशक DRDO और ISRO में वैज्ञानिक के रूप में बिताए थे। अब्दुल कलाम की हमेशा सरलता और सादगी कायम रही।
Read: Latest News of India in Hindi | News Watch India
एपीजे अब्दुल कलाम मुख्य रूप से भारत के नागरिक कार्यों के लिए तैयार किए जाने वाले स्पेस प्रोग्राम और मिलिट्री मिसाइल डेवलपमेंट से जुड़े थे। 1998 में पोखरण में किए गए भारत के परमाणु टेस्ट में अब्दुल कलाम ने मुख्य भूमिका निभाई थी। बता दें परमाणु नाम से बॉलिवुड में एक फिल्म भी बन चुकी है। भारत के राष्ट्रपति पद पर एक पारी पूरी करने के बाद कलाम वापस शिक्षा के क्षेत्र में लौट गए। 27 जुलाई 2015 को मेघालय में एक सेमिनार में बोलते वक्त उनकी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। डॉ. कलाम ने 83 वर्ष की उम्र दुनिया को अलविदा कह दिया था।