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क्या मणिपुर में असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस ही एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं ?

Manipur News: मणिपुर जल रहा है और इसकी गूंज संसद में भी सुनाई दे रही है। पिछले दो दिनों से संसद में मणिपुर को लेकर ही विपक्ष की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है और उस पर चर्चा चल रही है। पहले दिन चर्चा की शुरुआत कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने की और आज राहुल गाँधी ने भी मणिपुर को लेकर सरकार पर हमला किया और प्रधानमंत्री मोदी को भी टारगेट किया। राहुल ने कहा कि रावण के अहंकार ने लंका को जला दिया था और आज प्रधानमंत्री मोदी के अहंकार से देश जल रहा है। राहुल की इस टिप्पणी से संसद में भारी शोर शराबा हुआ। बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल के हमले का जवाब भी दिया और विपक्षी राजनीति को हर तरह से घेरने का काम किया।
संसद में इसके अलावा बहुत कुछ होता रहा और कल तक और भी बहुत कुछ और भी होगा। कल सदन में प्रधानमंत्री मोदी को भी जवाब देना है और फिर शाम को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग भी होगी ,लेकिन उधर सुदूर मणिपुर से जो खबरे आ रही है वह चौंका रही है। मणिपुर पुलि और अर्धसैनिक बल असम राइफल्स के बीच जिस तरह की कहानी देखने को मिल रही है उससे देश के भीतर गृह युद्ध की आशंका बढ़ती जा रही है।

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मणिपुर में तो वैसे भी गृहयुद्ध जारी है। एक ही समाज के दो वर्गों के बीच खुनी खेल जारी है। इस खेल में सेना और पुलिस की जवाबदेही तो यही है कि चाहे जैसे भी हो गृह युद्ध को ख़त्म किया जाये और मणिपुर में शांति वापस लाई जाए। लेकिन वहां उल्टा ही सब कुछ हो रहा है। जानकारी के मुताबिक़ मणिपुर पुलिस ने असम राइफल्स के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है। और कहा है कि सेना उसके वहां को रोकने का काम करती है। हलकी रक्षा सूत्रों ने साफ़ तौर पर कहा है कि यह सब न्याय का मखौल है। सच तो यही है कि असं राइफल्स कुकी और मैतेई समजा के बीच बफर जोन बना रहा है और यह सब मुख्यालय के आदेश पर ही हो रहा है। लेकिन यहाँ की पुलिस लिलजाम लगा रही है।

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जानकारी के मुताबिक ,मणिपुर पुलिस ने पिछले पांच अगस्त को असं राइफल के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज किया जिसमे कहा गया कि असम राइफल्स ने विष्णुपुर जिले में क्वाक्ता गोथौल रोड पर पुलिस वाहनों को रोका और उसके कर्मियों को भी आगे जाने से रोका गया। उधर सेना ने कहा है कि हम सिर्फ आदेशों का पालन कर रहे हैं। लेकिन लगता है यह सच नहीं है। उधर बीजेपी के नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है कि राज्य से लड़ ही असम पुलिस को हटाकर कही और पर तैनात किया जाये ताकि राज्य में शांति बहाल हो सके। बीजेपी नेताओं के इस बयान के क्या मायने हो सकते हैं इसके अर्थ आप सहज ही लगा सकते हैं। बीजेपी नेताओं ने कहा कि असम राइफल्स के खिलाफ जनता में भारी आक्रोश है। यह सेना हालत को शांत करने में विफल रहा है इसलिए कही और भेजा जाए। बता दें कि असम राइफल्स पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लग रहा है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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