पाकिस्तान में फिर सेना का राज!
Pakistan News:चुनाव के नतीजे आ चुके हैं अब वक्त है सरकार के गठन का जिसके लिए सभी दल ज़ोर आज़माइश में लगे हैं। नवाज़ शरीफ़ और बिलावल भुट्टो के बीच नई सरकार बनाने पर रस्साकशी जारी है। नवाज़ शरीफ की कोशिश है कि वो सभी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाएं जबकि बिलावाल चाहते हैं कि वो मुस्लिम लीग के बिना हुकूमत चलाएं।
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आसिफ अली ज़रदारी की तरफ से कहा गया है कि और अहम लीडर्स हैं जिनसे मुलाकात बिलावल भुट्टो की होनी है साथ ही उनका ये भी कहना था कि हम मुस्लिम नून लीग की बजाय आज़ाद उम्मीदवारों की तरफ जाना चाहेंगे क्योंकि हमारे पास बहुत से विकल्प हैं, हम पंजाब में भी सरकार बना सकते हैं और बलोचिस्तान में भी सरकार बना सकते हैं।
पाकिस्तान में नई सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को नेशनल असेंबली में 265 में से 133 सीट जीतनी ज़रूरी हैं लेकिन इस आंकड़े को कोई भी पार्टी अकेले दम पर नहीं छू पाई। ऐसे में नवाज़ की मुस्लिम लीग, बिलावल भुट्टो की पीपुल्स पार्टी साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश कर रही है। लेकिन नतीजों के हिसाब से ये मुमकिन नहीं है क्योंकि नवाज़ की पार्टी PML-N को 75 सीटों पर जीत मिली है, बिलावल के खाते में 54 सीटें आई हैं।दोनों के गठबंधन के बाद कुल सीटें होती हैं 129 और बहुमत के लिए चहिए 133, ऐसे में अभी 4 सीटों की और दरकार है।
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अब इन 4 सीटों के लिए नवाज़ दूसरे दलों से संपर्क साध रहे हैं। इसके लिए आज नवाज़ शरीफ, उनके भाई शहबाज़ और बेटी मरियम ने लाहौर के जाति उमरा में मुत्तहिदा क़ौमी मूवमेंट- पाकिस्तान यानी MQM-P के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की जो एक घंटे से ज्यादा चली।
MQM-P की नवाज़ शरीफ से मुलाकात खत्म हो गई है, MQM-P के नेताओं ने नवाज़ शरीफ से एक घंटे से ज्यादा मुलाकात की है, जो हमें जानकारी मिली है इस मुलाकात की अंदूरी कहानी है वो यही है कि MQM ने कुछ शर्तें नवाज़ शरीफ के सामने रखी हैं और इसमें यही है कि अगर हम सरकार का हिस्सा बनते हैं तो ज़ाहिर है सिंध में बहुमत वाली पार्टी PPP के साथ भी तालमेल अच्छा होना चाहिए। नवाज़ शरीफ ने MQM की तरफ से जो बातें रखी गईं उस पर पॉज़िटिव साइन दिया।
अगर नवाज़ शरीफ MQM की सभी शर्तें मान लेते हैं तो वो अपना समर्थन देने को तैयार हैं और तब नवाज़ शरीफ सरकार बनाने में कामयाब हो जाएंगे। नवाज़ और बिलावल की सीटें मिलकर 129 होती हैं इसमें 17 MQM भी शामिल हो जाती है तो आंकड़ा होता है 146.. जो बहुमत से काफी ज्यादा हैं।
पाकिस्तानी पत्रकार जिस पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट सरकार की बात कर रहे हैं इसका पूरा श्रेय जाता है पाकिस्तान की सेना को.. क्योंकि उसी के इशारे पर ये सब हो रहा है.. PTI के कप्तान इमरान खान जीत कर भी हारे हैं तो सिर्फ और सिर्फ आर्मी चीफ असीम मुनीर की वजह से। हालांकि ऐसा पहले भी पाकिस्तान में होता आया है..2018 के चुनावों में तत्कालीन सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने इमरान खान की ऐसे ही मदद की थी।