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मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना के साथ-साथ आस्था और इंसानियत का भी हो रहा हनन

गायों की सुरक्षा के लिए सरकार ने रूपए तो करोड़ों खर्च किए लेकिन जब मक्कार और निर्दई अफसर पलीता लगाने लगे तो सरकार क्या करें

एक गौशाला में जब हकीकत देखी तो कुछ गाय मरी पड़ी है तो कुछ बीमार पड़ी हैं खाने के लिए न चारा है न दाना है जब उस गौशाला की देखरेख करने वाले मजदूरों से बात की तो मजदूर महिला खूब फूट-फूटकर रोई उसने बताया कि ना तो यहां चारे की व्यवस्था है ना दाने की ना कोई ज़िम्मेदार यहां की हाल खबर लेने आता है

मजदूर महिला ने बताया कि जब गाय भूख से तड़प तड़प कर मरने लगी तो मैंने इसका विरोध किया तो यहां के जिम्मेदार मुझे नौकरी से निकलवाने में लगे हैं वहां मौजूद अन्य मजदूरों ने भी बताया कि जब चारा पानी की शिकायत हमने मुख्य विकास अधिकारी से की तो इससे नाराज यहां के जिम्मेदारों ने मुझे हटाने की बात कह दी हैं

मजदूरों ने बताया कि जब से यह गौशाला बनी है पिछले 6 साल से वह यहां पर नौकरी कर रहे हैं अब जब लापरवाही और भ्रष्टाचार का विरोध करना शुरू किया तो उनको हटाने का फैसला जिम्मेदारों ने कर दिया

ग्राम फतेहपुर रोशनाई में बनी गौशाला का हैं मामला

Shubham Pandey। Uttar Pradesh Bureau

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