Ayodhya Diwali 2024: 500 साल बाद अयोध्या में सबसे भव्य दिवाली, CM योगी करेंगे राम का स्वागत
Ayodhya Diwali 2024: The grandest Diwali in Ayodhya after 500 years, CM Yogi will welcome Ram
Ayodhya Diwali 2024: प्राण प्रतिष्ठा के बाद, यह भगवान राम की अपनी जन्मभूमि में पहली दिवाली है। भगवान राम के स्वागत के लिए राम नगरी को भव्य रूप से सजाया गया है। 30 अक्टूबर को शहर के राम कथा पार्क में राम का राज्याभिषेक होगा। इस खुशी का जश्न मनाने के लिए अयोध्या में हजारों दीये जलाए जाएंगे।
अयोध्या (ayodhya) में भव्य मंदिर में रामलला (ramlala) की प्राण प्रतिष्ठा के बाद ये पहली दिवाली (diwali) कई मायनों में खास है. अयोध्या में रामलला पहली बार अपने भव्य मंदिर में दिवाली मना रहे हैं। दिवाली के लिए पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। लंका पर विजय के बाद भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण हेलीकॉप्टर से सरयू नदी के तट पर पहुंचेंगे, जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनका स्वागत करेंगे। राम की पैड़ी पर भगवान राम के आगमन की याद में 28 लाख दीप जलाए जाएंगे।
30 अक्टूबर को रामनगरी के राम कथा पार्क में भगवान राम का राज्याभिषेक किया जाएगा। सीएम योगी राज्याभिषेक करेंगे। चारों भाई- राजा राम, सीता और लक्ष्मण, हनुमान, सुग्रीव, जामवंत, अंगद और नल-नील स्वरूप राम कथा पार्क के मंच के सबसे ऊंचे सिंहासन पर विराजमान होंगे। राम कथा पार्क में राम दरबार के लिए नब्बे फीट लंबा भव्य मंच सजाया गया है। इस कार्यक्रम की देखरेख राज्यपाल आनंदी बेन पटेल कर रही हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह हैं।
गिनीज बुक की टीम रहेगी मौजूद
सीएम योगी, राज्यपाल व केंद्रीय मंत्री समेत साधु-संत रामकथा पार्क में राज्याभिषेक के बाद सरयू तट पहुंचेंगे, यहां 1100 संत-धर्माचार्य, वैदिक आचार्य, संस्कृत छात्र व अन्य लोग मिलकर मां सरयू की महाआरती करेंगे. इस दौरान रिकॉर्ड के लिए गिनीज बुक की टीम भी यहां मौजूद रहेगी. इसके बाद पूरी अयोध्या (ayodhya) नगरी जगमगा उठेगी.
जलाए जाएंगे खास मोम के दीपक
दीपों के इस पर्व में मंदिर की इमारत को धुएं और कालिख से बचाने के लिए पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान रखा गया है। इस दिवाली मंदिर ट्रस्ट अयोध्या को आस्था और आस्था का केंद्र बनाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने का काम कर रहा है। ऐसे में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए मंदिर परिसर में मोम के विशेष दीपक जलाए जाएंगे। साथ ही, मंदिर परिसर को सजाने के लिए फूलों का भी इस्तेमाल किया जाएगा।