Ayodhya Ram Mandir Diwali: 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी अयोध्या में दिवाली, जानें कौन कौन से होंगे कार्यक्रम
Ayodhya Ram Mandir Diwali: Diwali will be celebrated in Ayodhya on October 31, know which programs will be held
Ayodhya Ram Mandir Diwali: दिवाली का जश्न शुरू हो गया है और अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार यह राम मंदिर में मनाया जाएगा। लेकिन, इस बार दिवाली की तारीख स्पष्ट नहीं है। कुछ जगहों पर दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी, जबकि कुछ जगहों पर 1 नवंबर को। आइए जानते हैं अयोध्या के राम मंदिर में कब मनाया जाएगा दिवाली का पर्व…
रामलला (ram lala) की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या मंदिर (ayodhya mandir) में पहली बार दिवाली मनाई जा रही है। इस अवसर पर 30 और 31 अक्टूबर को अयोध्या (ayodhya) में करीब 25 लाख दीये जलाए जाएंगे। दीयों से स्वास्तिक और राम दरबार व रामकथा से जुड़े प्रसंगों के प्रतीक चिह्न में दीप सजाए गए हैं। दीपकों में तेल व बाती डालने का काम 30 अक्टूबर यानी आज से शुरू हो जाएगा और इस तरह तरह से जानते हैं कि अयोध्या में दिवाली का पर्व कब मनाया जा रहा है। वैसे तो दिवाली हमेशा कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है, लेकिन दिवाली के सही दिन को लेकर कुछ गलतफहमियाँ हैं क्योंकि अमावस्या दो दिन पड़ती है। जहाँ कुछ लोग 1 नवंबर को लक्ष्मी पूजन करेंगे, वहीं कुछ लोग 31 अक्टूबर को दिवाली मनाएँगे। आइए जानते हैं अयोध्या में कब मनाई जाएगी दिवाली….
अयोध्या में 31 अक्टूबर को दिवाली
अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा के अनुसार, रामलला मंदिर में गुरुवार 31 अक्टूबर को दिवाली का भव्य उत्सव मनाया जाएगा। वहीं, दिवाली से एक दिन पहले 30 अक्टूबर को दीपोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसी दिन हनुमान जयंती भी है, जिसे अयोध्या में जबरदस्त धूमधाम से मनाया जाएगा। दिवाली पूजा अमावस्या के दिन प्रदोष काल में की जाती है लेकिन 1 नवंबर को ऐसा कोई भी संयोग नहीं मन रहा है इसलिए अयोध्या में 31 अक्टूबर को ही दिवाली पूजन किया जाएगा।
पूरी कर ली गई हैं तैयारियां
रामलला के मंदिर के गर्भगृह और आसपास मंदिर ट्रस्ट की ओर से बनवाए गए विशेष दीपक प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। करीब 300 विशेष दीपक गर्भगृह और मंदिर परिसर में लगाए जाएंगे। ये दीये मंदिर की दीवारों और फर्श पर गंदगी और कालिख लगने से बचाने के लिए बनाए गए हैं। मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा के अनुसार, 30 और 31 अक्टूबर को मंदिर में 25 लाख से ज़्यादा दीये जलाए जाएँगे। 70 एकड़ के मंदिर परिसर के चारों ओर सरसों के तेल के दीये जलाए जाएंगे, जबकि मंदिर के पत्थरों और दर्शन पथ पर मोम की मोमबत्तियाँ जलाई जाएंगी। उनके अनुसार, भव्य राम मंदिर में उद्घाटन दीपावली को शानदार और अविस्मरणीय बनाने के लिए हर विवरण की योजना बनाई गई है। परिसर की व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के लिए बिहार से सेवानिवृत आईजी आशु शुक्ला को दायित्व सौंपा गया है।
4 दिन तक रहेगी भव्य सजावट
29 अक्टूबर से 1 नवंबर तक दीपोत्सव के लिए रामलला के मंदिर और गर्भगृह को भव्य रूप से सजाया जाएगा। इन चार दिनों में आधी रात तक श्रद्धालु गेट नंबर 4बी (लगेज स्कैनर पॉइंट) पर जाकर मंदिर की भव्य सजावट का आनंद ले सकते हैं। लता चौक तक अयोध्या के धर्मपथ के किनारे डिजिटल पिलर लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा मुख्य पैदल मार्ग और राम कथा पार्क को भी तेजी से सजाया जा रहा है।
तीन बार होगी दीपक की गिनती
अवध यूनिवर्सिटी के मीडिया प्रभारी के मुताबिक, 25 लाख दीपों के प्रज्ज्वलन का रेकॉर्ड बनाया जाएगा। गिनेस वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम के कंसलटेंट निश्चल बरोट अयोध्या पहुंच चुके हैं। उन्होंने बताया कि तीन बार दीपों की काउंटिंग होगी। पहले सूखे दीपक, फिर जलने के बाद मैनुअल काउंटिंग होगी। फिर एक ड्रोन वीडियो रिकॉर्ड करेगा, जिसे AI-सक्षम सॉफ़्टवेयर द्वारा क्रॉस-चेक किया जाएगा। इस बार, उन्होंने जवाब दिया, हमारा 30-व्यक्ति दल आ गया है।
दो दिन रहेगा विशेष उत्सव का माहौल
भगवान रामलला की स्थापना के बाद राम मंदिर परिसर में दीपोत्सव का पहला उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। मंदिर परिसर को रंगोली, लाइटिंग और विभिन्न प्रकार के फूलों से सजाया गया है। इस साल राम मंदिर में 30 व 31अक्टूबर को दो दिनों तक विशेष उत्सव का माहौल रहेगा। रामलला को आकर्षक पोशाक पहनाई जाएगी और आकर्षक आभूषण पहनाए जाएंगे। विशेष आरती और पूजन के साथ-साथ कई अन्य प्रसाद भी उपलब्ध होंगे। मंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा के अनुसार, दोनों तिथियों पर शाम को शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा की जाएगी और दीये जलाए जाएंगे। मंदिर के विभिन्न हिस्सों में करीब एक लाख दीये जलाए जाएंगे और उन्हें रोशन किया जाएगा। प्रसाद, आरती और भोग बांटने के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं। उनके अनुसार, 67 एकड़ के मंदिर परिसर को कई खंडों में विभाजित करके तीन अलग-अलग तरह के दीये जलाने की योजना बनाई जाएगी। राम मंदिर के गर्भगृह में शुद्ध घी से बने विशेष प्रकार के दीये जलाए जाएंगे। मंदिर के पत्थरों और दर्शन मार्ग पर धीरे-धीरे मोम के दीये जलेंगे। इसके अलावा विशाल मंदिर परिसर में सरसों के तेल में मिट्टी के दीये भिगोकर जलाए जाएंगे। दीयों को सजाने की जिम्मेदारी राम मंदिर से जुड़े स्वयंसेवकों की होगी।