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Bannerghatta Biological Park : हाथियों ने भरी ‘फर्स्ट क्लास’ उड़ान, बेंगलुरु से सीधे जापान! भारत को बदले में मिलेंगे चीते-जगुआर, पार्क ने रचा इतिहास

Bannerghatta Biological Park से चार हाथियो को जापान भेजा गया। ये हाथी खास प्लेन से ओसाका भेजे गए। जिन चार एशियाई हाथियों को जापान ट्रांसफर किया गया है, उनमें तीन मादा और एक नर हाथी शामिल हैं। इनके नाम हैं, तुलसी, गौरी, श्रुति और सुरेश। वन्यजीवों के आदान-प्रदान योजना के तहत उन्हें जापान भेजा गया है।

Bannerghatta Biological Park: Elephants took a 'first class' flight, straight from Bangalore to Japan! India will get leopards and jaguars in return, the park created history

Bannerghatta Biological Park : बेंगलुरु के बन्नेरघट्टा बायोलॉजिकल पार्क ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जो इतिहास में दर्ज हो गया है। पार्क ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जानवरों का निर्यात किया है. जी हां, चार प्यारे एशियाई हाथी – सुरेश, गौरी, श्रुति और तुलसी – अब जापान के हिमेजी सेंट्रल पार्क-सफारी पार्क में अपने नए घर पहुंच गए हैं.

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20 घंटे की हवाई यात्रा, पूरी लग्जरी के साथ!

इन हाथियों की ये यात्रा कोई साधारण नहीं थी. इन्हें बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से कतर एयरवेज कार्गो के ख़ास बोइंग 777-200F विमान में बिठाया गया और सीधे ओसाका के कंसाई अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया. यह लगभग 20 घंटे का हवाई सफर था, जिसके लिए हाथियों को महीनों तक खास ट्रेनिंग दी गई थी ताकि वे यात्रा के दौरान सहज रहें. हाथियों के साथ 8 सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम भी जापान गई है, जो वहां दो हफ़्तों तक रहेगी ताकि हाथी नए माहौल में ढल सकें.

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एक समझौता, कई जानवर!

यह सब सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एक बड़े पशु विनिमय समझौते का हिस्सा है. इस समझौते के तहत बन्नेरघट्टा बायोलॉजिकल पार्क को केवल हाथी भेजकर ही नहीं रुकना है, बल्कि बदले में ढेर सारे नए मेहमान भी मिलेंगे! इनमें 4 चीते, 4 जगुआर, 4 प्यूमा, 3 चिंपैंजी और 8 ब्लैक-कैप्ड कैपुचिन बंदर शामिल हैं.

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पार्क के अधिकारियों ने बताया कि यह क्षण बन्नेरघट्टा पार्क और कर्नाटक के लिए गर्व का विषय है. यह भारत और जापान के बीच वन्यजीव संरक्षण और सहयोग की एक नई मिसाल है. जापान के लोगों को अब हमारे इन बुद्धिमान हाथियों को करीब से देखने का मौका मिलेगा, जो वाकई एक अनोखा अनुभव होगा.

ये दूसरी बार है जब भारत से हाथी जापान भेजे गए हैं. इससे पहले मई 2021 में मैसूर चिड़ियाघर से भी तीन हाथियों को जापान भेजा गया था. इस पूरे प्रोजेक्ट का खर्च जापान के हिमेजी सेंट्रल सफारी पार्क ने उठाया है.

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Written by । Prachi chaudhary । National Desk

2020.. पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद प्राची चौधरी पिछले 3 साल से एंटरटेनमेंट पत्रकार हैं। फिल्मी कीड़ा होना न केवल उनके पेशे का हिस्सा है, बल्कि उनका जुनून भी है। साथ ही, बॉलीवुड और टीवी की शौकीन, उनके पास दिलचस्प गपशप और सेलेब्स के बारे में जानकारियों का पिटारा है। वह इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि वेबसाइट पर आने वाले रीडर्स क्या देख रहे हैं। बाकी 'जर्नलिस्ट बनी ही इसलिए ताकि दुनिया के दिल के करीब रहूं।'

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2020.. पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद प्राची चौधरी पिछले 3 साल से एंटरटेनमेंट पत्रकार हैं। फिल्मी कीड़ा होना न केवल उनके पेशे का हिस्सा है, बल्कि उनका जुनून भी है। साथ ही, बॉलीवुड और टीवी की शौकीन, उनके पास दिलचस्प गपशप और सेलेब्स के बारे में जानकारियों का पिटारा है। वह इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि वेबसाइट पर आने वाले रीडर्स क्या देख रहे हैं। बाकी 'जर्नलिस्ट बनी ही इसलिए ताकि दुनिया के दिल के करीब रहूं।'

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