Bharat 6G Alliance : 2014 से लेकर 2023 तक यानि कि पिछले 9 वर्षों में भारत टेलीकॉम सेक्टर (Bharat 6G Alliance) में एक लीडर के तौर पर सामने आया है। आगे यह स्पीड बरकरार रहने की उम्मीद है।
भारत में 5G लॉन्च (Bharat 6G Alliance) होने के बाद से सभी टेलीकॉम कंपनियां देश के हर कोने में इस सर्विस को फैलाने में लगी हुई हैं। अभी पूर्ण रूप से देश में यह सुविधा फैली भी नहीं, तब तक दूरसंचार और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव (IT Minister Ashwini Vaishnav) ने 6G को लेकर बड़ी जानकारी दी है। यह जानकारी आने वाले वक्त में देश में शुरू होने वाली 6G सर्विस पर एक बड़ा असर डालेंगी। उन्होंने 3 जुलाई यानी सोमवार को जानकारी देते हुए कहा कि भारत को साल 2030 तक वैश्विक 6G पेटेंट में 10% हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य रखना चाहिए।
इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने ‘इंडिया 6G’ गठजोड़ के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि भारत अब दूरसंचार प्रौद्योगिकियों (telecommunication technologies) का निर्यातक बन चुका है और इसके पास पहले से ही 6G टेक्नोलॉजी से जुड़े करीब 200 पेटेंट हो चुके हैं। हमें 6G पेटेंट के मामले में भारत की हिस्सेदारी को 2023 तक कम से कम 10% तक ले जाने का लक्ष्य लेकर चलना चाहिए।
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भारत ने पहली बार 5G टेक्नोलॉजी के विकास कार्यक्रमों में अपना योगदान दिया है और हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के निकाय अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) ने भारत को 6G में भी शामिल किया है। इस दिशा में जारी कोशिशों को गति देने के लिए ‘इंडिया 6G’ (Bharat 6G Alliance) गठजोड़ का मंच तैयार किया गया है। वैष्णव ने कहा कि यह गठजोड़ देश में कार्यरत अधिक संस्थानों और कंपनियों को 6G टेक्नोलॉजी के लिए अधिक पेटेंट आवेदन करने के लिए मिलकर काम करने को प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि पहले दूरसंचार क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) जुटाना एक चुनौती होती थी लेकिन साल 2014 से लेकर 2023 के पिछले 9 वर्षों में यह बढ़कर 24 अरब डॉलर के लगभग पहुंच चुका है। अब कई देश भारत में दूरसंचार उपकरणों का आयात करना चाहते हैं।
जल्द ही होगा शिलान्यास
इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारत के दूरसंचार उपकरण विनिर्माताओं ने अमेरिका को निर्यात करना शुरू भी कर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि अगले 2-3 साल में इंडिया में पूरी तरह से डिजाइन और निर्मित पहली चिप भी बनकर आ जानी चाहिए। अमेरिकी कंपनी माइक्रोन के गुजरात में प्रस्तावित चिप संयंत्र का शिलान्यास अगले 40-45 दिन में होने की उम्मीद है। इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने करीब दो साल सें पहले ही इस संयंत्र से पहले चिप के आने उम्मीद लगाई है।