UPI New Rules 2025: यूपीआई यूजर्स के लिए बड़ी खबर, 31 जुलाई से लागू होंगे नए नियम, जानिए पूरा अपडेट
एनपीसीआई ने 31 जुलाई से यूपीआई लेनदेन से जुड़े नए नियम लागू करने का फैसला किया है। इसमें प्रति दिन ट्रांजैक्शन और बैलेंस चेक की सीमा तय की गई है। साथ ही, सुरक्षा और स्पीड को बेहतर करने के लिए तकनीकी बदलाव भी किए गए हैं।
UPI New Rules 2025: आज की डिजिटल दुनिया में यूपीआई (UPI) लेनदेन आम जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। चाहे किराना की दुकान हो, ऑनलाइन शॉपिंग या फिर परिवार को पैसे भेजना हो, लोग अब कुछ ही सेकेंड में भुगतान कर लेते हैं। लेकिन अब यूपीआई उपयोगकर्ताओं को सावधान हो जाना चाहिए, क्योंकि राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने यूपीआई ट्रांजैक्शन से जुड़े नियमों में बड़े बदलावों की घोषणा की है, जो 31 जुलाई 2025 से लागू होंगे।
ये बदलाव खास तौर पर फोनपे, गूगल पे, पेटीएम जैसे लोकप्रिय यूपीआई ऐप यूजर्स को प्रभावित करेंगे। आइए जानते हैं इन नए नियमों की पूरी जानकारी।
25 ट्रांजैक्शन की सीमा तय
अब से कोई भी यूजर एक ही यूपीआई ऐप पर दिन में अधिकतम 25 बार ही पेमेंट कर पाएगा। यानी यदि आपने 25 बार किसी को पैसा भेज दिया या किसी सेवा के लिए पेमेंट कर दिया, तो 26वीं बार उसी दिन में उस ऐप से पेमेंट संभव नहीं होगा। यह बदलाव डिजिटल ट्रैफिक को नियंत्रित करने और नेटवर्क की दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है।
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बैलेंस चेक करने की सीमा
अगर आप अपने बैंक खाते का बैलेंस बार-बार चेक करते हैं, तो अब यह आदत बदलनी होगी। नए नियमों के अनुसार, एक दिन में अधिकतम 50 बार ही बैलेंस चेक करने की अनुमति दी गई है। इससे अधिक बार चेक करने की कोशिश पर सिस्टम आपको रोक देगा।
पीक ऑवर्स में सख्ती
एनपीसीआई ने लेनदेन के पीक ऑवर्स भी निर्धारित किए हैं, जब ट्रैफिक सबसे ज्यादा होता है। ये समय होंगे:
सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक
शाम 5 बजे से रात 9:30 बजे तक
इन घंटों में उपयोगकर्ताओं को सलाह दी गई है कि वे बार-बार ट्रांजैक्शन स्टेटस न चेक करें और धैर्य रखें। अगर किसी कारण से लेनदेन में देरी हो रही है, तो यह नेटवर्क लोड के चलते हो सकता है।
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ऑटोपे सर्विस केवल नॉन-पीक ऑवर्स में
जो उपभोक्ता SIP, EMI या बिल पेमेंट जैसी सेवाओं के लिए UPI Autopay का उपयोग करते हैं, उनके लिए भी नियम बदले हैं। अब ऑटोपे मैंडेट का क्रियान्वयन सिर्फ नॉन पीक ऑवर्स में ही किया जाएगा।
इसके अलावा, किसी एक मैंडेट को एक्टिव करने के लिए केवल एक ही प्रयास की अनुमति होगी। इससे सिस्टम पर लोड कम होगा और धोखाधड़ी की संभावना भी घटेगी।
फेल ट्रांजैक्शन पर स्टेटस चेक की सीमा
अगर आपका कोई लेनदेन फेल हो जाता है या पेंडिंग में चला जाता है, तो अब आप उसका स्टेटस अधिकतम तीन बार ही चेक कर पाएंगे — और वह भी केवल दो घंटे के भीतर। इससे सर्वर पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ेगा और सिस्टम सुचारू रूप से काम कर सकेगा।
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लेनदेन का समय घटा
एनपीसीआई ने पेमेंट प्रोसेसिंग टाइम में भी सुधार किया है। अब कोई भी यूपीआई ट्रांजैक्शन 10 से 15 सेकंड के भीतर पूरा हो जाएगा, जबकि पहले यही प्रक्रिया 30 सेकंड तक लेती थी। इससे उपयोगकर्ता को अधिक तेज और सुविधाजनक अनुभव मिलेगा।
पेमेंट अब और सुरक्षित
डिजिटल धोखाधड़ी को रोकने के लिए NPCI ने एक और अहम बदलाव किया है। अब जब आप किसी को पेमेंट करेंगे, तो आपको केवल अंतिम लाभार्थी का नाम दिखाई देगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आप जिस व्यक्ति को भुगतान करना चाहते हैं, वही प्राप्तकर्ता है। इससे गलत खातों में पैसे ट्रांसफर होने की घटनाएं काफी हद तक रुकेंगी।
यूपीआई के बढ़ते आंकड़े
यूपीआई की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। मई 2025 में यूपीआई के माध्यम से 1868 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए, जो पिछले महीने की तुलना में 33% अधिक हैं। इससे यह साफ है कि भारत में कैशलेस इकॉनॉमी की तरफ कदम और तेज हो रहे हैं।
31 जुलाई 2025 से लागू होने वाले ये नियम जहां एक ओर सिस्टम की सुरक्षा और दक्षता को बढ़ाएंगे, वहीं दूसरी ओर आम उपयोगकर्ताओं को भी अपनी आदतों में बदलाव लाना होगा। यूपीआई के नए नियमों का उद्देश्य अधिक स्मार्ट, तेज और सुरक्षित लेनदेन को बढ़ावा देना है। इसलिए यदि आप भी यूपीआई यूजर हैं, तो समय रहते इन नियमों को समझ लें और खुद को इसके अनुरूप ढाल लें।
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