तमिलनाडु में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को मार्च निकालने की इजाजत के मामले में राहत मिली है और सुप्रीम कोर्ट ने RSS को मार्च निकालने की अनुमती दी है। वहीं इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने रूट मार्च निकालने की इजाजत दी थी।
दरअसल बीते साल 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से एक रैली निकालने का एलान किया गया था। जिसके बाद तमिलनाडु सरकार ने RSS को रूट मार्च आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद RSS की ओर से मामले को लेकर मद्रास हाईकोर्ट में सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। मामले की सुनवाई के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने रूट मार्च की इजाजत दी थी।
बता दें मद्रास हाईकोर्ट ने 10 फरवरी को आरएसएस को तमिलनाडु में फिर से निर्धारित तिथि पर अपना मार्च निकालने की इजाजत दे दी थी। साथ ही ये भी कहा था कि विरोध प्रदर्शन मजबूत लोकतंत्र के लिए जरूरी है।
बताते चले कि न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति पंकज मित्तल की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। वहीं इस दौरान राज्य सरकार के वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि मार्च निकालने का पूरी तरह अधिकार नहीं हो सकता, ठीक जिस तरह ऐसे मार्च निकालने पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं हो सकता। इसके बाद पीठ ने फैसला सुरक्षित रखा। दूसरी ओर आरएसएस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा था कि अनुच्छेद 19 (1)(बी) के तहत बिना शांतिपूर्ण तरीके से एकत्रित होने के रोका नहीं जा सकता।