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Bengaluru cafe blast Update Today Hindi: बेंगलुरू ब्लास्ट में बड़ा खुलासा, ‘हिंदू’ नाम का क्यों किया इस्तेमाल ?

Bengaluru cafe blast Update Today Hindi: बेंगलुरू के रामेश्वर कैफे में धमाका करने वाले आतंकियों से जुड़ा बड़ा खुलासा हुआ है। 12 अप्रैल को गिरफ्तार किए गए दोनों आतंकी ब्लास्ट के बाद से ही बचने के लिए तरह-तरह के तरीके अपना रहे थे। आतंकियों ने साजिश के तहत ना सिर्फ अपना हुलिया बदला बल्कि अपना नाम और पहचान भी छिपा ली। हैरान करने वाली बात ये है कि एक आतंकी ने अपना नाम अनमोल कुलकर्णी रख लिया था। यानी खुद को हिंदू बताने लगा था। इसी नाम के दम पर वो अलग-अलग होटलों में रुकता रहा। अब बड़ा सवाल है कि आतंकी ने हिंदू नाम ही क्यों रखा?


बेंगलुरू के रामेश्वरम कैफे में धमाका करने वाला एक आतंकी हिंदू नाम रखकर 1 महीने से ज्यादा दिनों तक सबको गुमराह करता रहा।कल जब आतंकियों की गिरफ्तारी हुई तो उनकी एक और साजिश बेनकाब हुई। आतंकियो ने अपना नाम और पहचान दोनों ही बदलने की पूरी कोशिश की। 13-14 मार्च को दोनों आतंकी बंगाल की राजधानी कोलकाता के होटल में रुके।होटल में एक आतंकी ने अपना नाम अनमोल कुलकर्णी बताया था जबकि दूसरे ने युशाह शाहनवाज नाम से रजिस्ट में एंट्री की। दोनों ने ID प्रूफ के लिए आधार कार्ड भी फर्जी दिया।
आतंकी अब्दुल मतीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब ने अपना हुलिया भी पूरी तरह बदल लिया था। दोनों पूरी तरह नॉर्मल दिखने की कोशिश कर रहे थे। होटल स्टाफ को भी दोनों आतंकियों में कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं दिखी।कोलकाता के पैराडाइज होटल से निकलने के बाद आतंकी कहां-कहां रुके और वहां उन्होंने अपने क्या नाम बताए? अब इसकी भी जांच हो रही है। मगर हैरानी की बात है कि 42 दिन तक आतंकवादी तमाम जांच एजेंसियों को चकमा देने में कामयाब रहे।अब तक की जांच में जो भी खुलासे हुए हैं उनसे इतना तो साफ है कि आतंकी बेहत शातिर थे। मगर बड़ा सवाल है कि होटल में रुकने के लिए हिंदू नाम का सहारा क्यों लिया?बेंगलुरू धमाके के बाद बंगाल क्यों गए और वहां उनकी मदद किसने की?सवाल ये भी है कि आतंकियों का आगे का क्या प्लान था क्या वो किसी और शहर में भी धमाका करने की साजिश रच रहे थे?


इन तमाम सवालों का जवाब पूछताछ में मिलने की उम्मीद है। आतंकी अब्दुल मतीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब के तार ISIS से जुड़े होने का अंदेशा है। ऐसे में अब ये सवाल भी है कि बेंगलुरू ब्लास्ट में इन आतंकियों को पीछे और कौन-कौन शामिल है।बेंगलुरू में धमाका 1 मार्च को हुआ। ब्लास्ट के मास्टर माइंड और बम रखने वाली की गिरफ्तारी 12 अप्रैल को हई। अब बड़ा सवाल है कि 42 दिनों तक दोनों आतंकी कैसे बचते रहे और कहां-कहां छिपते रहे?ब्लास्ट से लेकर आतंकियों के छिपने और उन्हें बचाने से जुड़े कई अनसुलझने सवाल हैं जिनका जबाव मिलना जरूरी है। तभी साफ हो पाएगा कि आखिर आतंकियों की मंशा क्या थी और उनका आका कौन है?
बता दें कि 42 दिन तक आतंकवादी तमाम जांच एजेंसियों को चकमा देने में कामयाब रहे।अब तक की जांच में जो भी खुलासे हुए हैं उनसे इतना तो साफ है कि आतंकी बेहत शातिर थे।

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