Haryana Ed Raid: 1.42 करोड़ रुपये की नकदी, आपत्तिजनक दस्तावेज, अघोषित 32 फ्लैट और जमीनों से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए हैं। लॉकर व ट्रस्ट की पहचान कर जब्त किया गया है। CBI की तरफ से दर्ज FIR के आधार पर जांच शुरू हुई थी।
ED ने कांग्रेस विधायक राव दान सिंह, उनके बेटे और उनकी सहयोगी कंपनियों के खिलाफ दिल्ली, गुड़गांव, महेंद्रगढ़ और जमशेदपुर में सोलह स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई पूरी कर ली है। गुरुवार यानि 18 जुलाई की सुबह से शुरू हुई रेड शुक्रवार शाम को पूरी हो गई। रेड के दौरान ईडी की जांच में पाया गया कि इन कंपनियों और लोगों ने अपने खातों और बुकों में हेराफेरी की है। इन लोगों और कंपनियों से जुड़े परिसरों से ईडी टीम ने 1.42 करोड़ रुपये कैश, कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज, अघोषित 32 फ्लैट और जमीनें, कई लॉकर, ट्रस्ट आदि की पहचान कर उन्हें जब्त किया गया। इनमें विधायक राव दान सिंह के बेटे अक्षत सिंह की कंपनियां भी शामिल हैं।
ईडी ने सीबीआई की तरफ से दर्ज मामले की जांच के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग के संदेह पर मेसर्स एलाइड स्ट्रिप्स लिमिटेड (ASL), प्रमोटरों गौरव अग्रवाल और मोहेंदर अग्रवाल और महेंद्रगढ़ से कांग्रेस विधायक राव दान सिंह, उनके बेटे अक्षत सिंह और उनकी संस्थाओं मेसर्स सनसिटी प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड सहित संबंधित व्यक्तियों के कार्यालयों पर छापे मारे थे। आरोप है कि इन लोगों और संस्थाओं ने धन की हेराफेरी और उसे डायवर्ट करना, आपराधिक गबन, आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी करके केनरा बैंक (Canara Bank) के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह को 1392.86 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाया है।
बैंक से जब्त किए गए पैसे से दूसरे व्यवसायों को असुरक्षित ऋण दिए गए। धोखाधड़ी वाले लेन-देन हुए। इस पैसे से ज़मीन आदि खरीदने के लिए दीर्घकालिक निवेश (Long Term Investments) किए गए। राव दान सिंह व उनके परिवार ने ASL कंपनी से कर्ज लिया, लेकिन उसे फिर वापस नहीं किया गया। इस कार्यप्रणाली में बैंकों से लिए गए धन को असुरक्षित लोन और अग्रिम के रूप में अन्य कंपनियों में भेजा गया। अपने विभिन्न देनदारों के लोन को बट्टे खाते में डालना, फर्जी लेन-देन आदि शामिल थे। बदले में पैसे प्राप्त करना, जिसका उपयोग संपत्ति और अन्य वस्तुओं की खरीद के लिए किया गया। ED के अनुसार, स्थिति की अभी भी जांच की जा रही है।