ISRO NEWS: धरती से लेकर अंतरिक्ष तक भारत की उपल्बधियों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। चाहे वो किसी भी सेक्टर से हो। एक और जहां नई संसद देश को समर्पित की गई तो वहीं सोमवार यानी की आज भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान यानी की (ISRO) ने एक नई सैटेलाइट को लॉन्च किया है। जिसका नेविगेशन सैटेलाइट NVS-1 का परिक्षण भी सफल रहा है।
एनवीएस- 01 (NVS- 01) के जरिए भारत समय रहते ही सीमाओं पर होने वाली किसी भी नापाक हरकत या साजिश के पहले ही जवाब देने के लिए तैयार रहेगा। किसी भी कैसी भी आपात परिस्थिति में इसरो की ये लॉन्च की गई सैटेलाइट दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में खुद को तैयार रखेगी। इसरो की ये सैटेलाइट देश की आंख बनकर सुरक्षा एंजेसियों के काम आने वाली है।
बता दें एक नही बल्कि कई खासियतों से भरपूर्ण है। एक तो स्वदेशी सैटेलाइट है इसे इसरो ने ही बनाया है। कुल सात समूहों के एक ग्रुप का ये हिस्सा कहलाएगा। जो कि अंतरिक्ष में ग्राउंड स्टेशन की तरह काम करेगा। ये नेटवर्क समान्य लोगों से लेकर सैन्य बलों के लिए अपनी सेवाएं प्रदान करेगा। इस सिस्टम को भारत में एविएशन सेक्टर में बढ़ रही मांगो को देखतें हुए बेहतर नेविगेशन, समय, स्थिति बताने में मदद करेगा।
जानकारी के मुताबिक, दो हजार किलो से ज्यादा इसका वजन है। स्पेसक्राप्ट एनवीएस 01 भारत की नेविगेशनल और निगरानी करने वाला होगा। इस स्पेसक्राप्ट को सफलता पूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित कर दिया गया है।
इतना ही नही ये नेविगेशन सैटेलाइट 1500 किलोमीटर का क्षेत्र निगरानी करने वाला है। इसी के साथ इसरो ने पहली बार स्वदेशी रूप से निर्मित रूबिडियम परमाणु (rubidium atom) को भी लॉन्च किया है।
इसके बनाने की एक और वजह बताई जा रही है जब कारगिल युद्ध के दौरान भारत को जब मदद की जरूरत पड़ी तो उस दौरान अमेरिका से मदद मांगी गई थी। लेकिन अमेरिका से तो निराश ही हाथ लगी थी। लेकिन उसी के बाद भारत ने भी इस नाविक सैटेलाइट बनाने का फैसला कर लिया था। इसे 2006 में अप्रूव किया गया। जिसके बाद से बनना शुरू हो गया था।