Mission 2024 Election: प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) को फुर्सत कहाँ है ? उनके सामने तो बड़ा मिशन है। 2024 में जीत पक्की करनी है तो दक्षिण को साधने की जरूरत है। मोदी इस बात को जानते हैं कि उत्तर भारत में अब कही भी जयदा सीटें बढ़ाने की गुंजाई नहीं बची है। किसी भी राज्य में दो चार सीटें ज्यादा आ सकती है या फिर काम आएगी। कई राज्य तो ऐसे हैं जहाँ बीजेपी अधिकतम सीमा को भी पार कई गई है। बीजेपी इसी कोशिश में है कि उत्तर भारत के राज्यों में जहाँ उसकी स्थिति पहले से मजबूत ही और अधिकतम सीटें पा चुकी है उसे बरकरार कैसे रखा जाए। लेकिन गली सरकार बनाने के लिए बीजेपी को दक्षिण से अब ज्यादा उम्मीद है। अगर दक्षिण से बीजेपी को कुछ लाभ मिलता है तो बीजेपी की जीत पक्की मानी जा सकती है।
बीजेपी (BJP) के रडार पर केरल राज्य है। यह बात और है कि केरल में बीजेपी हर बार चुनाव में तो उतरती है लेकिन अभी तक उसका खाता भी नहीं खुला है। लेकिन इस बार प्रधानमंत्री मोदी को केरल से उम्मीदे बढ़ गई है। पिछले दिनों त्रिशूल की यात्रा पर गए मोदी को जो रेस्पोंस मिला है उससे वे काफी खुश हैं और उन्हें उम्मीद भी जगी है। बीजेपी इस प्लान पर काम कर रही है कि इस बार के चुनाव में केरल से कुछ सीटें पार्टी को मिलनी चाहिए। बीजेपी यहाँ 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारने को तैयार है।
बीजेपी किसी भी सूरत में इस चुनाव में केरल में जीत पक्की करना चाहती है। और यही वजह है कि पीएम मोदी बार केरल जाने का प्लान तैयार कर रहे हैं। खबर के मुताबिक अभी कम से कम तीन बार वे केरल जाने वाले हैं। पीएम मोदी को उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को लाभ हो सकता है। केरल में न तो लोकसभा की एक भी सीट बीजेपी के पास है और न ही विधान सभा की कोई सीट बीजेपी के पास है। केरल में विधान सभा की 140 सेट है लेकिन बीजेपी के पास कुछ भी नहीं।
जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक पीएम मोदी जनवरी में भी एक बात केरल ज सकते हैं और फिर फरवरी में भी वे केरल की यात्रा कर सकते हैं। इस सभी यात्रा सरकारी योजनाओं को लेकर होने हैं।
दक्षिण से कर्नाटक में बीजेपी के पास अभी काफी सीटें है। लोकसभा (Loksabha)की विक्टर सेट बीजेपी के पास ही है। लेकिन अब जब वहां कांग्रेस (Congress)की सरकार बन गई है तो बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई है। बीजेपी जानती है कि इस बार के चुनाव में कर्णाटक में उसे झटका लग सकता है। यही हाल तेलंगाना और आंध्र का भी है। ऐसे में बीजेपी की नजर केरल पर जा टिकी है।
हालांकि केरल में भले ही बीजेपी के पास लोकसभा की कोई सीट नहीं है लेकिन उसका वोट बैंक अभी भी है। पिछले लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) में बीजेपी को करीब 15 फीसदी वोट मिले थे लेकिन 2021 के विधान सभा चुनाव (Assembly Election) में उसका वोट नीचे आ गया और वह 12 फीसदी पर सिमट गया। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अगर बीजेपी केरल (Keral) में जोड़ लगाती है तो कुछ सेटों क लाभ उसे मिल सकता है। हलकी देखना ये है कि इंडिया गठबंधन (India Alliance) के सामने केरल में बीजेपी कितना कुछ अलग कर सकती है।