Rajasthan Election: राजस्थान की गहलोत सरकार के अपने भी दावे हैं। उनका पहला दावा तो यही है कि अगले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस लौटेगी और सरकार बनाएगी। लेकिन दावा का क्या दावे तो नेताओं के शगल ही होते हैं। जो हार रहे होते हैं वे भी कहते हैं कि वे जीत रहे हैं और जिहने एक वोट मिलने की भी आस नहीं होती वे भी कहते हैं कि वे सरकार बनाने जा रहे हैं। इसलिए चुनावी वादे को आम जन एक जुमला मानकर चलते हैं। लेकिन बीजेपी के लिए राजस्थान (Rajasthan) करो या मरो की तरह है। अगर इस बार भी राजस्थान हाथ नहीं लगा तो आगामी लोकसभा चुनाव का खेला भी बिगड़ सकता है। बता दें कि राजस्थान की पूरी राजनीति पर प्रधानमंत्री मोदी की कड़ी नजर है और वे चाहते हैं कि इस बार राजस्थान किसी भी सूरत में हाथ से नहीं निकलना चाहिए। इसलिए बीजेपी वह हर प्रयास कर रही है जो अब तक उसने नहीं किया था।
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नयी तैयारी यह है कि बीजेपी अपने लोगों के जरिये अब राजस्थान (Rajasthan) की इस-एक सीट का मुआयना करना चाह रही है। पार्टी चाहती है कि सर्वे एजेंसियां कुछ गलत भी कर सकती है लेकिन पार्टी के लोग जब मैदान में जाकर सच्चाई को परखेंगे तब असली खेल का पता चल जायेगा। इसलिए बीजेपी राजस्थान में बड़ा अभियान चलाने जा रही है। जानकारी के मुताबिक बीजेपी के करीब 200 विधायक राजस्थान पहुंच रहे हैं और वे एक-एक सीट का ब्यौरा तैयार करेंगे और फिर अपनी असली रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को सौपेंगे।
राजस्थान (Rajasthan) में 200 विधायकों की यह फ़ौज कई दूसरे राज्यों से आ रही है। खबर तो यह भी कई हरियाणा, मध्यप्रदेश, गुजरात के अधिकतर विधायक राजस्थान (Rajasthan) आ गए हैं और उन्होंने अपना काम भी शुरू कर दिया है। यह सर्वे अभियान एक सप्ताह का है और 27 तारीख को पूरी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंप दी जाएगी। इसके बाद पार्टी के लोग उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग करेंगे और फिर घोषणा पत्र तैयार करेंगे। जानकारी यह भी मिल रही है कि जो दो सौ विधायक राजस्थान में सीटों का आंकलन करने पहुंचे हैं उन्हें स्थानीय समस्याओं को भी दर्शाने को कहा गया है। ताकि एजेंडा बनाने और घोषणा पत्र तैयार करने में पार्टी को आसानी मिल सके।
बीजेपी के प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज का कहना है कि ये सभी विधायक पार्टी के निर्वाचित प्रतिनिधियों, टिकट के इच्छुक लोगों, केंद्र सरकार के लाभार्थियों, पार्टी कार्यकर्ताओं, प्रभावशाली लोगों और जनता से मिलेंगे। वे एक स्वतंत्र पर्यवेक्षक के रूप में एक सप्ताह तक हर विधानसभा क्षेत्र पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेंगे। ये सभी विधायक शनिवार से ही जयपुर पहुंच रहे हैं। उन्हें हर विधानसभा क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी जा रही है। प्रत्येक विधानसभा की सीट की रिपोर्ट 50 से अधिक विषयों पर तैयार की जा रही है। इसके बाद पार्टी प्रमुख को एक बड़ी संयुक्त रिपोर्ट भी दी जाएगी।
कुल मिलाकर कहानी ये है कि राजस्थान को इस बार बीजेपी चूकना नहीं चाहती। बीजेपी की चाहत ये है कि इस बार हिंदी पट्टी फिर से उसके पाले में आ जाए। लेकिन परेशानी ये है कि विपक्ष भी पूरी तैयारी के साथ बीजेपी को पटखनी देने को तैयार है। अगर राजस्थान फिर से बीजेपी के पास आ जाता है तो उसे आगामी लोकसभा चुनाव में काफी सहूलियत मिल सकती है।