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National Agricultural Code: भारतीय मानक ब्यूरो ने राष्ट्रीय कृषि संहिता पर कार्यशाला आयोजित की

Bureau of Indian Standards organised workshop on National Agricultural Code

National Agricultural Code: भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने राष्ट्रीय कृषि कोड (NAC) के विकास में तेजी लाने के लिए एक कार्यशाला (Workshop) का आयोजन किया। कृषि क्षेत्र (Agricultural Sector) के महत्व (Importance) और संसाधनों (Resources) और नवीनतम प्रौद्योगिकियों (Latest Technologies) के इष्टतम (Optimum) उपयोग को समझते हुए, ब्यूरो ने एनएसी विकसित करने का प्रस्ताव दिया जो फसल चयन (Crop Selection) से लेकर कृषि उपज (Agricultural Produce) के भंडारण (Storage) तक सर्वोत्तम प्रथाओं को सुनिश्चित करेगा।

एनएसी में उभरती कृषि प्रौद्योगिकियों (Agricultural Technologies), नवीन कृषि पद्धतियों (New Agricultural Practices) और भारत (India) भर में बदलती क्षेत्रीय स्थितियों (Regional Conditions) को शामिल करने की परिकल्पना (Hypothesis) की गई है। इस कोड (Code) को विकसित करते समय, जिन क्षेत्रों में मानकीकरण (Standardization Across Sectors) की कमी है, उनकी पहचान की जाएगी और उनके लिए मानक विकसित किए जाएंगे।

यह कार्यक्रम राष्ट्रीय मानकीकरण प्रशिक्षण संस्थान (NITS), नोएडा (Noida) में आयोजित किया गया था, जिसमें केंद्र (Center) और राज्य सरकारों (State Governments), आईसीएआर संस्थानों (ICAR Institutes), राज्य कृषि विश्वविद्यालयों (State Agricultural Universities) और उद्योग संघों (Industry Associations) के हितधारकों (Stakeholders) ने भाग लिया। यह बीआईएस द्वारा विकसित अन्य सफल कोड जैसे कि राष्ट्रीय भवन संहिता (एनबीसी), और निर्माण (Construction) और बिजली (Electricity) के लिए राष्ट्रीय विद्युत संहिता (NEC) के अनुरूप है।

बीआईएस के महानिदेशक (Director General of BIS) प्रमोद कुमार तिवारी (Pramod Kumar Tiwari) ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और इस बात पर प्रकाश डाला कि कृषि मशीनरी (Agricultural Machinery), उपकरण (Equipment) और इनपुट (Input) के लिए मानक मौजूद हैं, लेकिन राष्ट्रीय कृषि संहिता (NAC) नीति निर्माताओं (Policy Makers) को आवश्यक संदर्भ (Necessary References) और कृषक समुदाय (Farming Community) को मार्गदर्शन प्रदान करके भारतीय कृषि में गुणवत्ता संस्कृति (Quality Culture) को सक्षम करने वाले के रूप में कार्य करेगी। एनएसी के विकास के लिए मुख्य विचारों में इसका दृष्टिकोण (Approach), संरचना (Structure), जुड़ाव (Engagement) के लिए विभिन्न तरीके, संस्थागत तत्परता (Institutional Readiness) और प्रदर्शनों (Demonstrations) का महत्व शामिल होगा।

बीआईएस के डीडीजी (Standardization) संजय पंत (Sanjay Pant) ने कहा कि, एनएसी में किसानों के लिए अधिक अनुकूल वातावरण (Friendly Environment) बनाकर भारत के कृषि क्षेत्र को बदलने की अपार संभावनाएं हैं। किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करके और कुशल (Skilled) और टिकाऊ कृषि पद्धतियों (Sustainable Agricultural Practices) को बढ़ावा देकर, एनएसी ग्रामीण भारत (NAC Rural India) में लाखों लोगों की आजीविका (Livelihood) में उल्लेखनीय सुधार (Notable Improvements) कर सकता है।

कार्यशाला के दौरान, प्रतिभागियों (Participants) को सात समूहों में संगठित किया गया, ताकि उन्हें फसल चयन (Crop Selection), भूमि की तैयारी (Land Preparation), बुवाई/रोपाई (Sowing/Planting), सिंचाई/जल निकासी (Irrigation/Drainage), मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन (Soil Health Management), पौधों के स्वास्थ्य प्रबंधन (Plant Health Management), कटाई/थ्रेसिंग (Harvesting/Threshing), प्राथमिक प्रसंस्करण (primary Processing), कटाई (Harvesting) के बाद की प्रथाएँ (Customs), स्थिरता (Stability), रिकॉर्ड रखरखाव (Record Maintenance), पता लगाने की क्षमता (Capacity) और स्मार्ट कृषि सहित कृषि के विशिष्ट पहलुओं (Distinctive Aspects of Agriculture) पर गहन जानकारी दी जा सके। कार्यशाला का समापन एनएसी के विकास में योगदान देने के लिए नोडल संगठनों (Nodal Organisations) और विशेषज्ञों (Experts) की पहचान के साथ हुआ।

कृषि भारत की अर्थव्यवस्था (Economy), आजीविका और खाद्य सुरक्षा (Food Security) के लिए महत्वपूर्ण है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (Homemade Products) का लगभग 20% है और लगभग 50% कार्यबल को रोजगार देती है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली 60% से अधिक आबादी (Overpopulation) के साथ, कृषि आवश्यक आय (Agricultural Essential Income) और रोजगार (Employment) के अवसर प्रदान करती है। भारत का कृषि क्षेत्र चावल (Rice), गेहूं (Wheat), कपास (Cotton) और मसालों (Spices) सहित दुनिया की प्रमुख फसलों (Major Crops) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पैदा करता है, जो इसे वैश्विक खाद्य सुरक्षा (Global Food Security) में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता (Significant Contributors) बनाता है। इसके अलावा, कृषि कपड़ा (Agricultural Textile), खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) और अन्य उद्योगों (Other Industries) के लिए कच्चा माल (Raw Material) प्रदान करके भारत के औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Area) का समर्थन करती है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (Prime Minister Kisan Samman Nidhi) और फसल बीमा योजनाओं (Crop Insurance Schemes) जैसी पहलों के माध्यम से कृषि विकास पर सरकार का ध्यान किसानों की आजीविका को बढ़ाने, उत्पादकता (Productivity) को बढ़ावा देने और खाद्य उत्पादन (Food Production) में भारत की निरंतर आत्मनिर्भरता (Continuing Self-Reliance) सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।

Chanchal Gole

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