CAG Report: भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक यानी कैग ने CAG Report) हालिया रिपोर्ट जारी करके देश की राजनीति को गर्म कर दिया है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि द्वारका एक्सप्रेसवे निर्माण में एक किलोमीटर सड़क बनाने के लिए 250 करोड़ से ज्यादा की राशि जारी की गई जबकि इस सड़क का निर्माण 18 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब की जानी थी। कैग की यह रिपोर्ट सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने इसे अब तक का सबसे बड़े भ्रष्टाचार का मामला कहा है। आप और कांग्रेस पार्टी इसे लेकर अब आंदोलन करने को तैयार है। इस रिपोर्ट की सच्चाई जो भी हो लेकिन यह तो कहा ही जा रहा है कि अगर इस तरह की सड़कें हमारे देश में बन रही है तो निश्चित तौर पर बीजेपी सरकार का यह बड़ा घोटाला है। आप कह रही है कि यह तो एक मामला है अगर अन्य योजनाओं की भी जांच की जाए तो पता चलेगा कि इस देश को किस तरह से लूटा गया है। कैग की इस रिपोर्ट से बीजेपी से जुड़े लोग भी सन्न हैं।
Read: हिंदी लाइव समाचार | आज की ताजा खबर | News Watch India
बता दें कि कैग ने भारत माला परियोजना के पहले चरण के काम पर अपनी ऑडिट रिपोर्ट जारी की है। अपनी रिपोर्ट में कैग ने CAG Report) कहा है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बोर्ड ने द्वारका एक्सप्रेस वे को प्रति किलोमीटर 250.77 करोड़ रुपये की सिविल लागत के साथ इसकी मंजूरी दी थी। जबकि संसद की आर्थिक मामलों की समिति ने प्रति किलोमीटर 18.20 करोड़ रुपये के हिसाब से इसे बनने की स्वीकृति दी थी। यानी इस निर्माण कार्य को तय राशि से 14 गुना ज्यादा राशि में बनाया गया। बता दें कि द्वारका एक्सप्रेस वे 29 किलोमीटर का बना है। अगर कैग की रिपोर्ट को माने तो इस परियोजना में बड़े स्तर पर धांधली की गई है।
अब आप नेता संजय सिंह ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला किया है। संजय सिंह ने कहा कि जो सड़क 18 करोड़ प्रति किलोमीटर के दर से बनाना था वह 250 करोड़ रुपये किलोमीटर के हिसाब से बना है। जाहिर है यह बड़े भ्रष्टाचार का मामला है और इस भ्रष्टाचार को केंद्र सरकार की एजेंसी कैग ही उजागर कर रही है। इस जानकारी से सब चौंक रहे हैं। विकास के नाम पर इतनी बड़ी लूट! संजय सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड को तोड़ दिए हैं। एक तरफ भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की बात होती है और दूसरी तरफ यही काम किये जा रहे हैं। संजय सिंह ने यह भी कहा कि अयोध्या विकास प्राधिकरण ने भी करीब 20 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है। सरकार इस मामले पर अभी चुप है।
उधर कांग्रेस समेत कई दलों ने भी इस मामले को लेकर सरकार को घेरा है। याद रहे कैग की रिपोर्ट (CAG Report) में ही 2 जी घोटाले की कहानी सामने आयी थी और मनमोहन सिंह की सरकार को घेरा गया था। 2014 के चुनाव में बीजेपी ने इसे बड़े जोड़ से उठाया था और अंत यही हुआ कि कांग्रेस हार गई। यह बात और है कि तब के कैग ने मुंबई हाई कोर्ट में माफ़ी भी मांगी थी और 2 जी घोटाले को गलत करार दिया था।