Census 2027: ऐतिहासिक कदम, पहली बार जाति आधारित जनगणना, गृह मंत्री ने की समीक्षा बैठक
भारत में अगली जनगणना 2027 में होने जा रही है, जो कई मायनों में ऐतिहासिक होगी। यह देश की 16वीं जनगणना होगी और स्वतंत्रता के बाद आठवीं बार जनगणना कराई जाएगी। रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस जनगणना की तैयारियों की समीक्षा की, जिसमें गृह सचिव गोविंद मोहन, भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
Census 2027: भारत में अगली जनगणना 2027 में होने जा रही है, जो कई मायनों में ऐतिहासिक होगी। यह देश की 16वीं जनगणना होगी और स्वतंत्रता के बाद आठवीं बार जनगणना कराई जाएगी। रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस जनगणना की तैयारियों की समीक्षा की, जिसमें गृह सचिव गोविंद मोहन, भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
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पहली बार जाति आधारित जनगणना
2027 की जनगणना में पहली बार जाति आधारित आंकड़े भी शामिल किए जाएंगे। यह निर्णय लंबे समय से चली आ रही सामाजिक मांगों के उत्तर के रूप में देखा जा रहा है। जातिगत आंकड़ों के माध्यम से सरकार को योजनाएं और नीतियां बनाने में ज्यादा सटीकता मिलेगी।
दो चरणों में होगी जनगणना
इस जनगणना को दो चरणों में संपन्न किया जाएगा:
हाउस लिस्टिंग ऑपरेशन (HLO): इस चरण में हर घर की स्थिति, उसमें मौजूद सुविधाएं और संपत्ति से जुड़ी जानकारी एकत्र की जाएगी।
जनसंख्या गणना (Population Enumeration-PE): इसमें प्रत्येक व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जानकारी दर्ज की जाएगी।
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आधुनिक तकनीक का उपयोग
इस बार जनगणना में डिजिटल तकनीक का व्यापक उपयोग किया जाएगा। लोगों को मोबाइल ऐप के माध्यम से स्वयं जानकारी भरने (Self Enumeration) की सुविधा दी जाएगी। साथ ही, डेटा की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सख्त उपाय अपनाए जाएंगे।
विशेष भौगोलिक तिथियां
लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के दुर्गम व बर्फीले क्षेत्रों के लिए जनगणना की तिथि 1 अक्टूबर 2026 की मध्यरात्रि तय की गई है।
बाकी देश के लिए यह तिथि 1 मार्च 2027 की मध्यरात्रि होगी।
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जनगणना में शामिल होंगे लाखों कर्मचारी
इस बार करीब 34 लाख गणनाकार और पर्यवेक्षक, तथा लगभग 1.3 लाख जनगणना अधिकारी जनगणना कार्य में तैनात किए जाएंगे।
16 साल बाद हो रही है जनगणना
गौरतलब है कि भारत में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। 2021 की जनगणना कोविड-19 महामारी के चलते स्थगित कर दी गई थी। इस तरह 2027 की जनगणना 16 वर्षों के अंतराल के बाद होने जा रही है, जिससे इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है।
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