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गडकरी ने जो कहा है, क्या आज के नेता ऐसा कर सकते हैं?

Political News(राजनीति समाचार)! ईमानदार राजनीति कहाँ चलती है ? कौन चलाएगा ? किसकी मजाल है कि ईमानदारी से राजनीति की बात करे और चुनाव भी जीत जाए ? राजनीति कभी ईमानदार नहीं होती। यह ठगी और झूठ पर ही आधारित होती है। समाज को बडगलाओ और अपना उल्लू सीधा करो। सच में बड़ी ताकत होती है लेकिन सच बोलता कौन है।

बनिए की दूकान पर जाइये तो वह कहता है कि उसका माल सबसे बेहतर है। वह कसम भी खाता है। खरीदने वाला भी जानता है कि यह झूठ बोल रहा है और उसका सामान घटिया भी है लेकिन फिर भी लोग उससे सामान लेते ही है। इसके कई कारण हो सकते हैं। उन करने की व्याख्या की जा सकती है। लेकिन राजनीति का स्तर तो उस दूकानदार से भी गिरा हुआ है। दुनिया में कोई भी ऐसा व्यापार नहीं है जो साल दो साल में आपको अरबपति बना दे लेकिन इस देश के व्यापारी अरब पति बनते हैं। जाहिर है यह सब खुथ ,ठगी और बेईमानी की वजह से ही संभव है और इस खेल में नेता और सरकारी लोग भी शामिल होते हैं। फिर इसी राह पर राजनीति भी दौड़ती है। साल -दो साल में कोई भी नेता मंत्री और संसद ,वधायक आकाश में उड़ने लगता है। उनकी संपत्ति बढ़ने लगती है। कहाँ से बढ़ती है इसका आंकलन भला कौन लेगा ?

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सब जानते हैं कि जनता बेवस है। बेबस इंसान लोभी और लाचार होता है। इस लोभ और लाचारी का लाभ ये खादी पहनने वाले ठग रूपी नेता करते हैं। कही जाति के नाम पर जनता को गुमराह करते हैं तो कहीं धर्म और कौन के नाम पर। कही, जान पहचान के नाम पर तो कहीं पैसे देकर। कही पार्टी के नाम पर तो कही कुछ गिफ्ट देकर। जनता से ही लूटों और समय आने पर उसी लूट का कुछ हिंसा उसी जनता को देकर एहसान जताओ।

लेकिन यह सब केवल राजनीति तक ही सीमित नहीं है। हर पेशा में यही सब तो दिख रहा है। राजनीति के बाद सबसे ज्यादा पतन मीडिया का ही हुआ है। गम,भीड़ और ईमानदार पत्रकारिता ख़त्म कर दी गई है। समाज के लिए देश के लिए और मानवता के लिए पत्रकारिता अब समाप्त सी हो गए है। झूठ की कहानी और एक अजेंडा की कहानी समाज के सामने पडोसी जाती है और जनता भी उसी को देख कर ,पढ़ कर मुग्ध रहती है। सजब समाज ही दो खेमो में बाँट गया हो तो आप क्या कर सकते हैं। जिसकी जो पसंद है उसके लायक खबरे प्लांट की जा रही है।

उधर बीजेपी के बड़े नेता नीतिन गडकरी ईमानदार राजनीति का डंका आज भी पीट रहे हैं। कह रहे हैं कि उन्होंने जीवन में कभी गलत काम नहीं किया इसलिए वे चुनाव तो लड़ेंगे लेकिन किसी को कुछ देंगे नहीं। चाय तक नहीं पीला सकते हैं किसी को। जिसको वोट देना है वे देंगे और जिसको नहीं देना है वे भी खुश रहे। जो बेईमान होगा वही जनता को खुश करने के लिए गिफ्ट की राजनीति करता है। लेकिन हमने जनता के लिए बना कुछ घुस लिए ही लाखों करोड़ का काम किया है। अगर हमारे काम में कोई खोट है तो कोई बता दे।

छाती पीटकर ऐसा दावा करने वाले कितने नेता है इस देश में ? लेकिन क्या गडकरी चुनाव जीत पाएंगे ?और अगर जीत पाते हैं तो भारतीय राजनीति का चेहरा बदरंग हो सकता है। उन तमाम लोगों के गाल पर तमाचा लग सकता है जो बेईमानी की कमाई पर चुनावी माहौल बनाते हैं जनता को भी गुमराह करते हैं। अगर सच की ताकत सब समझ जाए तो झूठी पत्रकारिता भी नंगी हो जाएगी।

महाराष्ट्र के वाशिम दौरे पर गए नितिन गडकरी ने एक सभा में कहा कि हमने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपना प्लान बना लिया है। इस लोकसभा चुनाव के लिए मैंने फैसला किया है कि कोई बैनर या पोस्टर नहीं लगाया जायेगा। न ही लोगों को छाय पिलाई जाएगी। जिन्हे वोट देना है वे देंगे और जिन्हे नहीं देना है उनसे मांगने भी नहीं जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि न ही मई रिश्वत लूंगा और नहीं दूंगा।

गडकरी ये बयान सबको हैरान करने वाले हैं। ऐसे में सवाल यह भी है कि बिका हुआ इंसान ही दूसरे को भी खरीद और बेचने की बात करते हैं। जो ईमानदार होगा वह कभी भी न घुस लेगा और न देगा। न गलत करेगा और न ही करवाएगा। गडकरी के ये बयान बहुत से नेताओं को घायल कर सकता है। काश इस देश में गडकरी जैसे कुछ और नेता सामने आते जो देश के मिजाज को ह बदल देते। राजनीति बदल जाती। और राजनीति बदलती तो लोकतंत्र के सारे स्तम्भ भी मुस्कुरा देते। भारत की बदनामी भी ख़त्म हो जाती।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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