UTTARAKHAND AVALANCHE: चमोली माणा एवलांच: सीएम धामी कर सकते हैं ग्राउंड जीरो का दौरा, बचाव कार्य जारी
UTTARAKHAND AVALANCHE: उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन के बाद राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस घटना पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन की हर जानकारी ले रहे हैं। मौसम अनुकूल रहा तो आज वे स्वयं ग्राउंड जीरो पर जाकर हालातों का जायजा ले सकते हैं। प्रशासन और बचाव दल घटनास्थल पर लगातार काम कर रहे हैं, जबकि सरकार प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता पहुंचाने के प्रयास में जुटी है।: उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन के बाद राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस घटना पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन की हर जानकारी ले रहे हैं। मौसम अनुकूल रहा तो आज वे स्वयं ग्राउंड जीरो पर जाकर हालातों का जायजा ले सकते हैं। प्रशासन और बचाव दल घटनास्थल पर लगातार काम कर रहे हैं, जबकि सरकार प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता पहुंचाने के प्रयास में जुटी है।
UTTARAKHAND AVALANCHE : उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित माणा गांव के पास हिमस्खलन (एवलांच) की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। सीमा सड़क संगठन (BRO) के तहत काम कर रहे मजदूर इस घटना का शिकार हुए, जिनमें से अब तक 33 को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, जबकि 22 मजदूर अब भी मलबे में फंसे हुए हैं। उन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस घटना पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और आज हालात का जायजा लेने के लिए ग्राउंड जीरो पर जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री की सख्त निगरानी, राहत कार्यों में तेजी के निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने इस आपदा के बाद तुरंत राहत और बचाव कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रशासन को मजदूरों की सुरक्षित निकासी के लिए युद्धस्तर पर कार्य करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी से घटना की पूरी जानकारी ली और बचाव अभियान में लगी सभी एजेंसियों—आर्मी, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय प्रशासन और यूकाडा को राहत कार्य में पूरी क्षमता से जुटने को कहा।
धामी ने हेली रेस्क्यू के लिए वायुसेना, यूकाडा और निजी हेलीकॉप्टरों को भी राहत कार्य में शामिल करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि बचाव कार्यों में कोई बाधा न आए और सभी मजदूरों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाए।
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हादसे के वक्त 55 मजदूर थे मौजूद
घटना के बाद मुख्यमंत्री धामी ने जानकारी दी थी कि दुर्घटना के समय वहां 57 मजदूर कार्यरत थे, जिनमें से दो लोग पहले ही छुट्टी पर चले गए थे। हादसे के दौरान कुल 55 मजदूर मौजूद थे, जिनमें से 33 को अब तक बचाया जा चुका है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी कई टीमें
इस हादसे के बाद से ही भारतीय सेना, ITBP, NDRF और SDRF की टीमें मौके पर तैनात हैं और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। बर्फ और खराब मौसम के कारण राहत कार्यों में कुछ दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन प्रशासन हरसंभव प्रयास कर रहा है।
हेल्पलाइन नंबर जारी, परिजनों से संपर्क की अपील
हादसे के बाद शासन द्वारा हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं ताकि फंसे मजदूरों के परिजन जानकारी प्राप्त कर सकें। प्रशासन ने निम्नलिखित हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं:
मोबाइल नंबर: 8218867005, 9058441404
लैंडलाइन नंबर: 0135-2664315
टोल फ्री नंबर: 1070
प्रशासन ने सभी परिजनों से अनुरोध किया है कि वे इन नंबरों पर संपर्क कर ताजा जानकारी ले सकते हैं और अफवाहों पर ध्यान न दें।
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मौसम रहा तो सीएम धामी जाएंगे ग्राउंड जीरो
अगर मौसम अनुकूल रहा तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद घटनास्थल पर जाकर स्थिति का जायजा लेंगे। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बचाव कार्यों में कोई भी कोताही न बरती जाए और सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं।
स्थानीय प्रशासन सतर्क, निगरानी जारी
इस घटना के बाद उत्तराखंड प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और लगातार हालात की निगरानी कर रहा है। जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी ने बताया कि राहत और बचाव कार्यों में किसी भी तरह की देरी न हो, इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
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अभी और हिमस्खलन की आशंका, सतर्कता बढ़ाई गई
मौसम विभाग के अनुसार, इस क्षेत्र में अभी और हिमस्खलन होने की संभावना बनी हुई है। इसे देखते हुए प्रशासन ने स्थानीय लोगों और मजदूरों को सतर्क रहने की सलाह दी है। रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे जवानों को भी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
परिवारों में चिंता, मजदूरों की सुरक्षित वापसी की दुआएं
फंसे हुए मजदूरों के परिजन लगातार उनकी सलामती की दुआ कर रहे हैं। कई मजदूर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड से ताल्लुक रखते हैं, जिनके परिवारों को प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि वे जल्द से जल्द सभी को सुरक्षित निकालने का प्रयास कर रहे हैं।
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