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Chanakya Niti: चाणक्य ने बताया असल में गरीब कौन? इंसान पैसों से नहीं अपने इन गुणों से बनता है अमीर

नई दिल्ली: आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) बहुत गुणवान और विद्वान थे। वह शिक्षक होने के साथ ही एक कुशल अर्थशास्त्री भी थे। अपनी कुशलता को प्रबल करने के लिए चाणक्य ने पूरी निष्ठा से गहन अध्ययन किया था। चाणक्य ने अपने कौशल और बुद्धि के बल से जीवन में सफलता प्राप्त करने की कई नीतियां बनाई थीं।

चाणक्य द्वारा बनाई गई उन सभी नीतियों का संग्रह चाणक्य नीति (Chanakya Niti) शास्त्र में है। आज हम उन्हीं नीतियों में से कुछ नीतियां आपको बताने जा रहे हैं जिससे आपके विचारों में बदलाव होने के साथ ही आपके दैनिक जीवन में भी सुधार हो जाएगा।

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इन नीतियों से जीवन में सुधार होगा

  • आदमियों में नाई सबसे धूर्त है, कौवा पक्षीयों में धूर्त है, लोमड़ी प्राणीयो में धूर्त है, औरतो में लम्पट औरत सबसे धूर्त है।
  • समुद्र में होने वाली वर्षा व्यर्थ है, जिसका पेट भरा हुआ है उसके लिए अन्न व्यर्थ है, पैसे वाले आदमी के लिए भेट वस्तु का कोई अर्थ नहीं, दिन के समय जलता दिया व्यर्थ है।
  • जब आप सफ़र पर जाते हो तो विद्यार्जन ही आपका मित्र है. घर में पत्नी मित्र है. बीमार होने पर दवा मित्र है. अर्जित पुण्य मृत्यु के बाद एकमात्र मित्र है।
  • वर्षा के जल के समान कोई जल नहीं, खुदकी शक्ति के समान कोई शक्ति नहीं, नेत्र ज्योति के समान कोई प्रकाश नहीं, अन्न से बढ़कर कोई संपत्ति नहीं।
  • चाणक्य के मुताबिक जिसके पास धन नहीं है वो गरीब नहीं है, वह तो असल में रहीस है, यदि उसके पास विद्या है लेकिन जिसके पास विद्या नहीं है वह तो सब प्रकार से निर्धन है।
Shubham Pandey। Uttar Pradesh Bureau

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