नई दिल्ली: आज साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण लग चुका है. ये चंद्र ग्रहण दक्षिणी पूर्ण चंद्रग्रहण होगा. ये दक्षिणी-पश्चिमी यूरोप, दक्षिणी-पश्चिमी एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका के अधिकांश हिस्सों, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर हिंद महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका में दिखाई देगा. भारत में ये ग्रहण दिखाई नहीं देगा. भारत में न दिखाई देने की वजह से इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा. यानी पूजा-पाठ या किसी भी तरह के शुभ कार्यों पर किसी तरह की पाबंदी नहीं होगी. भारतीय समय के अनुसार चंद्र ग्रहण 16 मई की सुबह 7.02 से शुरू हो चुका है जो दोपहर 12.20 पर खत्म होगा. इस चंद्र ग्रहण की कुल अवधि करीब 5 घंटे से ज्यादा रहेगी.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है. जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तब पृथ्वी का छाया चंद्रमा पर पड़ती तो इसे ही चंद्र ग्रहण कहते हैं. ज्योतिषविदों के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण वैशाख पूर्णिमा पर विशाखा नक्षत्र और वृश्चिक राशि में लगेगा. आज बुद्ध पूर्णिमा भी है. बुद्ध पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण चंद्र ग्रहण दोनों परिघ योग में पड़े हैं. ज्योतिषियों का कहना है कि ग्रह-नक्षत्रों का ऐसा संयोग 80 साल बाद बनने जा रहा है. 8 दशक बाद बन रहे इस दुर्लभ संयोग का असर सभी जातकों पर पड़ेगा.
कुछ लोगों पर इस चंद्रग्रहण का प्रभाव शुभ होगा तो कुछ लोगों पर अशुभ. अगर जिन राशि के जातकों पर इस चंद्र ग्रहण के शुभ प्रभाव की बात करे तो मेष,सिंह,धनु,तुला और कुंभ राशि को अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे. करियर में बड़ी सफलता हासिल हो सकती है. आपको अपनी कड़ी मेहनत का पूरा फल मिलेगा. धन लाभ के योग बनेंगे. जो जातक नौकरी पेशा वाले हैं उनको कार्यक्षेत्र में प्रमोशन मिलने की संभावना है. कार्यक्षेत्र में किसी व्यक्ति विशेष से लाभ प्राप्त होने की संभावना है. एक से अधिक स्रोतों से धन कमाने के अवसर प्राप्त होंगे
कब लगता है चंद्र ग्रहण
सूर्य और चंद्र ग्रहण को एक खगोलीय घटना माना जाता है। सूर्य और चंद्रमा के बीच एक समय ऐसा आता है जब पृथ्वी आ जाती है तब कुछ देर के लिए ऐसी स्थिति बन जाती है कि चंद्रमा के ऊपर सूर्य का प्रकाश मिलना बंद हो जाता है और चंद्रमा दिखाई नहीं पड़ता है,इसे ही चंद्र ग्रहण कहते हैं. चंद्र ग्रहण तीन प्रकार का होता है पूर्ण चंद्र ग्रहण,आंशिक चंद्र ग्रहण और उपछाया चंद्र ग्रहण.
चंद्र ग्रहण का सूतक काल
जब भी कोई ग्रहण पड़ता है तो उसके पहले सूतक काल शुरू हो जाता है. हिंदू धर्म में सूतक काल को शुभ नहीं माना जाता है, इस कारण से इसमें कोई भी शुभ कार्य या मांगलिक अनुष्ठान आदि नहीं किया जाता है. इसके अलावा सूतक में भगवान की पूजा भी नहीं की जा सकती है. चंद्र ग्रहण के शुरू होने से ठीक 9 घंटे पहले सूतक का समय प्रारंभ हो जाता है, वहीं सूर्य ग्रहण होने पर सूतक ग्रहण के 12 घंटे पहले लगता है। हालांकि भारत में इस ग्रहण का कोई भी साया नहीं रहेगा जिसके कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा.
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चंद्र ग्रहण के समय क्या करें
धार्मिक नजरिए से ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है इसलिए ग्रहण के दौरान कुछ सावधानियां बरती जाती है. कभी- कभी सावधानी न बरतनें से कोई न कोई घटना घट जाती है. आइए जानते हैं इस चंद्र ग्रहण के दौरान क्या-क्या करें.
1. किचन में रखे हुए भोजन में तुलसी के पत्ते जरूर डालना चाहिए.
2. ग्रहण के समाप्त होने पर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए.
3. ग्रहण काल का समय अच्छा न होने के कारण इस दौरान आस पास के वातावरण में नकारात्मक ऊर्जाओं का 4. प्रभाव बढ़ जाता है इस वजह से अपने इष्ट देव का स्मरण करें और मंत्रों का जाप करना चाहिए.
5. ग्रहण के दौरान मंदिरों के पट को बंद करना देना चाहिए.
6. ग्रहण के दौरान खाना तो पकाना चाहिए और न ही खाना चाहिए.
7. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं का खास ध्यान रखना चाहिए. इसमें जब तक ग्रहण समाप्ति नहीं हो जाता कुछ भी खाना या पीना नहीं चाहिए.