Uttar Pradesh News Today: मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए नाबार्ड के ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (RIDF) के तहत आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुये मुख्य सचिव ने कहा कि, राज्य में समग्र ग्रामीण विकास के लिए ग्रामीण बुनियादी ढांचे का विकास अत्यंत आवश्यक है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दिशा में अनेक कदम उठाए हैं। उत्तर प्रदेश मुख्य रूप से एक ग्रामीण और कृषि-प्रधान अर्थव्यवस्था है, जहाँ 86 प्रतिशत सिंचित भूमि के कारण ट्यूबवेल के सौरकरण के लिए बड़े अवसर उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में क्रेडिट-डिपॉजिट (CD) रेशियो बढ़ाने के लिए कार्य करने की जरूरत है। शिक्षा भी एक अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो मानव संसाधन विकास के लिए आवश्यक है। प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों के विकास पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास को गति देने के लिए ऐसे नवाचारपूर्ण परियोजनाओं में निवेश अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इसी प्रकार के निवेश से राज्य का समग्र विकास संभव होगा।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक पंकज कुमार ने अपने स्वागत भाषण में इस कार्यक्रम के उद्देश्य से प्रतिभागियों को परिचित कराकर आरआईडीएफ का पृष्ठभूमि विवरण दिया।
उन्होंने बताया कि आरआईडीएफ के तहत उत्तर प्रदेश में अब तक 4600 किमी. से अधिक की ग्रामीण सड़क और 3 लाख मीटर से अधिक के ग्रामीण पुलों का निर्माण किया जा चुका है। साथ ही कृषि प्रधान इस राज्य के लिए 54 लाख हेक्टेयर का सिंचाई संभाव्यता तैयार की गयी है।
उन्होंने पिछले 5 वर्षों में आरआईडीएफ के तहत किए गए संवितरण का विवरण प्रस्तुत करते हुए विभागों की सराहना की और आने वाले वर्षों में नए क्षेत्रों में परियोजनाओं को नाबार्ड को भेजने का अनुरोध किया।
इस कार्यशाला में उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और विभागों के कार्यान्वयन अधिकारियों ने भी भाग लिया। कार्यशाला में वित्त, लोक निर्माण एवं सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण, इंजीनियर-इन-चीफ, मुख्य अभियंता तथा अन्य राज्य सरकार के अधिकारियों आदि ने प्रतिभाग किया।