Chief Secretary up News: राज्य ऋण संगोष्ठी एवं ग्रामीण समृद्धि सम्मान समारोह का शुभारंभ
आज प्रदेश में कृषि, एमएसएमई क्षेत्र में पूरी प्रतिबद्धता से कार्य हो रहा है। उत्तर प्रदेश में पहले क्रेडिट डिपॉजिट रेशियो (Credit Deposit Ratio) कम था, लेकिन आज इसमें तेजी से बढ़ोतरी हुई है। उत्तर प्रदेश में पूरब के जनपद गाजीपुर, बलिया, जौनपुर, मऊ, आजमगढ़, देवरिया, कुशीनगर में पर्याप्त मात्रा में जल व बड़े तालाब उपलब्ध हैं, इन्हें अर्थव्यवस्था से जोड़ने पर विचार करने की जरूरत है. प्रदेश में सेल्फ हेल्प ग्रुप बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। सेल्फ हेल्प ग्रुप को सम्मानित व प्रोत्साहित करने के लिये लीड बैंक को व्यवस्था करनी चाहिये। सेल्फ हेल्प ग्रुप लगातार लोगों को जागरुक कर रहा है। इसके साथ ही मंडल स्तर पर एफपीओ कार्य कर रहे हैं, उनको भी सम्मानित किया जाना चाहिये।
किसानों को ऋण लेने में नहीं आयेंगी चुनौतियां
प्रदेश के किसानों को ऋण लेने में सबसे बड़ी चुनौतियां आती है। ऋण लेने की व्यवस्थाओं को और आसान बनाना चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने आगामी पांच साल में प्रदेश में वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य रखा है, इसमें बैंकिंग सेक्टर का अहम रोल है। आज के दौर में डिजिटल ट्रांजेक्शन को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देना चाहिए। प्रधानमंत्री जी ने जन-धन योजना की शुरुआत की थी और उत्तर प्रदेश में साढ़े 8 करोड़ लोगों ने अपना खाता खुलवाया था। वर्तमान समय में 3 करोड़ लोगों के पास डेबिट कार्ड है। यह प्रदेश में बहुत ही बड़ा क्रांतिकारी बदलाव है.
सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं
उन्होंने पर्यावरण के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदूषण में सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलीथीन की बड़ी भूमिका है। सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होना चाहिये। सभी लोग इस मुहिम के सहभागी बने और सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को स्वयं अपने घरों एवं व्यक्तिगत जीवन से दूर करें। आज हमारे देश में स्वच्छता की स्थिति बेहतर हुई है।इस मौके पर मुख्य सचिव ने नाबार्ड द्वारा तैयार कराये गये स्टेट फोकस पेपर 2023-24 का भी अनावरण किया। उन्होंने कहा कि स्टेट फोकस पेपर में प्राथमिकता क्षेत्रों जैसे कृषि, एमएसएमई, शिक्षा, आवास, निर्यात, नवीकरणीय ऊर्जा की भौतिक तथा वित्तीय ऋण सम्भाव्यताओं का आकलन किया गया है। इसमें प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों के लिए वर्ष 2023-24 में 3.75 लाख करोड़ रुपये की ऋण सम्भाव्यता का आकलन किया गया है। यह पेपर प्रदेश के नीति निर्माताओं, कृषि विभाग तथा बैंकर्स का मार्गदर्शन करते हुये बैंकों को राज्य में ऋण प्रवाह बढ़ाने के लिये रोडमैप तैयार करने और प्रदेश सरकार को अपने निवेश पोर्टफोलियो की पहचान करने में उपयोगी सिद्ध होगा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, सचिव नियोजन श्री आलोक कुमार, सचिव लोक निर्माण श्री अजय चैहान, महानिदेशक स्कूल शिक्षा श्री विजय किरन आनंद, मुख्य महाप्रबन्धक श्री संजय कुमार दोरा सहित नाबार्ड व सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।