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आखिर राहुल गांधी दो दिनों तक अमृतसर में क्यों डटे रहे?

Rahul Gandhi Amritsar Visit : नेताओं की चाल को समझना कठिन है। लेकिन राजनीति को जानते है उससे किसी की चाल छुप नहीं सकती। गौर करने की बात है कि जब सारा देश जातीय गणना को लेकर लाभ हानि का जिक्र कर रहा है वही राहुल गांधी (Rahul Gandhi) दो दिनों तक अमृतसर में बैठे रहे।उन्होंने स्वर्ण मंदिर में सेवा भी की और अरदास भी की। उनकी काफी प्रशंसा भी हुई।राहुल अमृतसर से बाहर भी नहीं गए। कांग्रेस की बैठकों में भी नहीं गए और न ही किसी कांग्रेसी से मिले ही।

rahul gandhi amritsar visit

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आम लोगों को लगा कि राहुल (Rahul Gandhi) यह सब सेवा भावना के तहत कर रहे है। अगर ऐसा था भी। उनकी राजनीति नफरत के खिलाफ है। वे समाज को जोड़ने की बात कर रहे है। मुहब्बत की दुकान चलाने की बात करते हैं। लेकिन याद रखिए जब कोई नेता कुछ भी करता है तो उसमें राजनीति भी छिपी होती है । नेताओं का कोई भी कदम बेकार नहीं होता ।राहुल ने भी शायद ऐसा ही कुछ किया है।

इधर इन चार पांच दिनों में बीजेपी ने कई सभाएं की है। खुद पीएम मोदी ने की सभाओं और रैलियों को संबोधित किया है। वे राजस्थान भी गए और एमपी भी गए । वे तेलांगना भी गए और छत्तीसगढ़ भी गए । कई योजनाओं की पीएम ने शुरुआत की ।जिस बीजेपी की राजनीति इन राज्यों में पीछे चल रही है अब अचानक दौड़ने लगी है ।बीजेपी में काफी उत्साह आया है । अब यह भी कहा जा रहा है कि एमपी और राजस्थान के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी की ताकत मजबूत हुई है। जो लोग बीजेपी से नाराज थे वे शांत हुए है और बीजेपी को आगे बढ़ाने के लिए कदम बढ़ा रहे हैं। आगे क्या कुछ होगा इसे देखना है लेकिन बीजेपी अब कांग्रेस को टक्कर देने को तैयार है ।

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इधर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का संदेश क्या है इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई थी । बता दें कि इस समय कनाडा में खालिस्तानी आतंकियों और अलगाववादियों को वजह से भारत और कनाडा का कूटनीतिक संबंध खराब हुआ है । भारत ने कनाडा के कई राजनयीको को देश से बाहर किया है । यही सब कनाडा ने भी किया है । दोनों तरफ से बयानबाजी भी जारी है । कनाडा ने भारत पर आतंकी निज्जर की हत्या के लिए भारत पर आरोप लगाया लेकिन कोई सबूत नहीं दिया। भारत इससे काफी नाराज है।

कनाडा के साथ ही ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया में भी खालिस्तानी चरमपंथियों को गतिविधियों से हिंदुओं का तनाव बढ़ा हुआ है। ऐसे में राहुल गांधी का स्वर्णमंदिर में सेवा करना बड़ी बात है। बड़ा मैसेज इससे देने की कोशिश की जा रही है । मुहब्बत की राजनीति के लिए यह बड़ा मैसेज है। राहुल ने दुनिया भर के सिख और हिंदुओं को मैसेज दिया है कि सब मिलकर रहो। मुहब्बत से रहो । आपस में मिलाप से रहे। राहुल ने एक और मैसेज दिया है। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख नरसंहार के लिहाज से देखें तो यह राहुल गांधी के प्रायश्चित की तरह भी दिख रहा है।

अगर राहुल की इस सेवा को टारगेटेड राजनीति के ख्याल से भी देखें तो यह कांग्रेस के लिए भी लाभकारी है। बता दें कि पंजाब में पिछली बार कांग्रेस के आठ संसद जीते थे। लेकिन विधान सभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी तरह से हार हुई । अब फिर लोकसभा चुनाव है। कांग्रेस को चुनौती कम से कम अपनी जीती सीटों को बचाने की चुनौती है ।

जानकर मानते है कि अगर पंजाब में कांग्रेस और आप मिलकर भी चुनाव लड़ते है तो कांग्रेस को अपनी सीट तो बचानी भी होगी और ऐसे में राहुल का स्वर्णमंदिर की सेवा काफी लाभकारी हो सकती है। जानकर यह भी कह रहे हैं कि आने वाले दिनों में पंजाब की राजनीति काफी तीव्र होगी और उसमें राहुल की राजनीति काफी अहम होगी । ऐसे में अभी राहुल गांधी जो भी कार्य करते दिख रहे है उसमे भाईचारे की राजनीति तो है ही कांग्रेस की राजनीति भी छुपी हुई है ।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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