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पार्टियों को लगातार बदलने वाले इमरान मसूद फिर कांग्रेसी होंगे ,लेकिन क्या कांग्रेस को लाभ होगा ?

Political News UP: वेस्टर्न यूपी के नेता इमरान मसूद ने एक बार फिर से कांग्रेस में जाने का ऐलान किया है। कहा जा रहा है कि वे सात तारीख को दिल्ली में गाजे बाजे के साथ कांग्रेस में शामिल होंगे। इससे पहले भी मसूद कांग्रेस में ही थे लेकिन 2022 में यूपी विधान सभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। पहले मसूद सपा के साथ गए और फिर बसपा में चले गए। मसूद सबसे पहले 2013 में कांग्रेस से जुड़े थे ।

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वेस्ट यूपी मुस्लिम बहुल है और यहां को राजनीति में जाट मुस्लिम और दलित का कॉम्बिनेशन खूब चलता है। जिसके साथ दो समाज के लोग मिल जाते है उस पार्टी को लाभ मिल जाता है। ऐसे में अब उम्मीद की जा रही है कि मसूद के कांग्रेस में आने के बाद वेस्ट यूपी में कांग्रेस को मजबूती मिल सकती है। लेकिन ऐसा केवल कयास ही लगाया जा सकता है। वेस्ट यूपी को राजनीति को नजदीक से देखें तो साफ हो जाता है कि इस किसान बहुल इलाके में जाटों की राजनीति ज्यादा प्रभावी रहती है और फिर दलित समाज के लोग भी राजनीति को खूब प्रभावित करते हैं। मुसलमानों का एक तरफा वोट किसी को भी जिताने में काफी नही है। लेकिन मुसलमान के साथ दलित और जाट शामिल होते ही किसी भी पार्टी को ताकत बढ़ जाती है।
वेस्ट यूपी में अभी जयंत चौधरी की पार्टी काफी मजबूत है। इसके साथ ही सपा का अपना जनाधार है। बीजेपी भी कमजोर नहीं है। बीजेपी कई इलाकों में खास प्रभाव रखती भी है जीत भी हासिल करती है। बीजेपी के कई दिग्गज नेता इसी इलाके से आते हैं। इन इलाकों में कभी कांग्रेस भी मजबूत हुआ करती थी लेकिन क्षेत्रीय दलों के उभार के बाद कांग्रेस कमजोर होती चली गई।आज कांग्रेस इस इलाके में काफी कमजोर है। कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता यहां नही है। ऐसे मसूद के आने से कांग्रेस को एक स्थानीय बड़ा नेता तो मिलेगा ही ।

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मसूद को ताकत सहारनपुर के साथ ही कई अन्य जिलों तक है। इसमें कोई संदेश नही है। इमरान मसूद के समर्थक उन्हे चाहते भी है और इनके लिए कुछ भी करने को तैयार भी रहते हैं। लेकिन बड़ा सवाल तो यही है कि इमरान मसूद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए कितने लाभकारी होंगे? जानकर कह रहे हैं कि अभी लोकसभा चुनाव होने हैं और मदद को उसी चुनाव में परखा भी जाएगा ।अगर वेस्ट यूपी से मसूद अपने दम पर दो सीट भी निकलने में कामयाब हो जाते हैं तो बड़ी बात हो सकती है। इससे आगामी विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को बल मिल सकता है ।

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मौजूदा समय में वोटों का को ध्रुवीकरण है वह तीन हो नही चार तरह के हैं। कुछ वोट बीजेपी के है तो कुछ सपा के। बसपा के भी अपने वोट है और फिर कांग्रेस भी अपनी जगह तलाश रही है। मसूद इसी तलाशी अभियान को आगे बढ़ा सकते है। याद रखें सहारनपुर से ही भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद भी ताल ठोकने को तैयार है। ऐसे में अभी कुछ भी कहना ठीक नहीं है। यह भी कहा जा रहा है चुनाव से पहले आजाद भी इंडिया गठबंधन के साथ आ सकते हैं। और ऐसा हुआ तो खेल रोमांचक होगा। कौन जीतेगा और कौन हारेगा कहना मुश्किल होगा।

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इमरान मसूद को बसपा से निकाला गया है। जाहिर है वे बसपा से नाराज भी हैं। लेकिन राजनीति में जब किसी को ठौर मिल जाता है तो नाराजगी खत्म हो जाती है या फिर शांत हो जाते हैं नेता। लेकिन कांग्रेस के साथ आने पर मसूद ने एक बयान दिया है कि कांग्रेस में आए ही वेस्ट यूपी के लिए अलग राज्य की मांग के लिए आंदोलन खड़ा करेंगे। ऐसा हो पाया तो कांग्रेस को लाभ मिल सकता है। कुछ इसी तरह को बात बीजेपी के नेता भी कहते आ रहे है। आगे क्या होगा इसे देखना होगा। पहले मसूद को कांग्रेस में आने दीजिए।

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खबर के मुताबिक मसूद हजारों समर्थकों के साथ दिल्ली आने वाले है। उनकी पूरी तैयारी चल रही है। कांग्रेस भी उनके स्वागत में खड़ी है ताकि वेस्ट यूपी में इसकी जगह मुक्कमिल हो सके।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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