ट्रेंडिंगन्यूज़बड़ी खबरराजनीति

जानिए सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को क्यों फटकार लगाई ?

लोकतंत्र का अमृतलाल चल रहा है। जैसे जैसे चुनाव को तारीख नजदीक आ रही है जांच एजेंसियों की धड़पकड़ बढ़ती जा रही है। हालत ये है कि कब किसकी गिरफ्तारी हो जाए और कब किसके घर आज सी पहुंचकर उसको लानत मलामत कर दे कोई नही जानता। मंगलवार को पत्रकारों को एजेंसी वालों ने उठाया और आज आप नेता संजय सिंह के यहां ईडी को छापेमारी हो गई । ईडी को क्या मिला यह किसी को पता नहीं है लेकिन देश की राजनीति गर्म हो गई है ।उधर आज ही लैंड फॉर जॉब केस में लालू परिवार को भी आज कोर्ट में हाजिर किया गया l लेकिन सबकी जमानत हो गई ।आगे क्या होगा कोई नही जानता ।लेकिन जिस तरह से ईडी को तिब्रता बढ़ती जा रही है उसे देखते हुए अब शीर्ष अदालत को भी लगने लगा है कि दाल में कुछ काला है ।
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को आज रडार पर ले लिया । ईडी के मिजाज को शांत करने और उसको औकात को बताने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आज मनी लांड्रिंग के मामले में गिरफ्तारी को कैंसिल कर दिया ।जस्टिस बोपन्ना और संजय कुमार को बेंच ने कहा कि जांच एजेंसी को पूरी निष्पक्षता के साथ जांच करना चाहिए ।और बदला लेने को प्रवृति से भी बचना चाहिए ।अदालत ने यह भी का यह सब दिखना भी चाहिए जो वह कर रही है वह पारदर्शी है ।
सुप्रीम कोर्ट ने यह सब बातें एक रियल्टी समूह एम 3 एम के निदेशक की याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा। कोर्ट ने कहा कि उम्मीद की जाती है कि ईडी का हर एक्शन पारदर्शी ,ईमानदार,और करवाई के सबसे ऊंचे और पुराने स्तर के मुताबिक होगा ।हालाकि इस केस में तथ्य बताते हैं कि एजेंसी अपनी जिम्मेदारी निभाने और अपनी शक्ति का सही इस्तेमाल करने में नाकाम रही है ।
कोर्ट के आदेश को कॉपी आज बुधवार को जारी को गई है। कोर्ट ने टिप्पणी कि है कि बसंत और पंकज बंसल को 14 दिन को पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर बुलाया गया था। जबकि ईडी की तरफ से रजिस्टर किए गए किसी और केस में दोनो को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया ।


बसंत और पंकज ने फिर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका के जरिए चुनौती दी लेकिन हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया । फिर सुप्रीम कोर्ट ने 11 सितंबर को सुनवाई कर फैसला को सुरक्षित रख लिया था ।
अदालत ने कहा है कि जबरन किसी से गुनाह कबूल नहीं कराया जा सकता। और आरोपी अगर सवालों का जवाब नही देता है तो इस आधार पर ही उसको गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। और ईडी को यह अधिकार भी नही है ।
लेकिन मामला इतना भर ही नहीं है। अदालत ने आज और भी बहुत कुछ कहा है। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा है कि आप को किसी पर शक है और उसकी छापेमारी भी करनी है तो इसकी जानकारी उसे देने की जरूरत है। ईडी को यह भी बताना होगा कि किस बात को लेकर पूछताछ या जांच की जानी है। लेकिन बिना बताए जो हो रहा है यह ठीक नहीं है। अदालत की यह टिप्पणी ईडी के लिए भारी है।


दरअसल हो रहा है कि ईडी सरकार के इशारे पर उन सभी लोगों को लपेटे में ले रही है जो या तो सरकार के खिलाफ है या फिर जिससे सरकार को कोई खतरा हो रहा है। रात हो या दिन, सुबह हो या शाम कभी भी किसी के घर के भीतर ईडी धमक जाती है और किसी की मान मर्यादा का भी मतदान कर जाती है। अभी तक जितने लोगों से ईडी पूछताछ कर चुकी है किसी पर कोई कारवाई तो कार्य नही। कहा जा रहा है कि समय को देखकर ये कारवाई को जा सकती है ।
ईडी ने रडार पर कई दर्जन विपक्षी नेता है। सभी नेताओं से पूछताछ कई बार हो चुकी है लेकिन यह भी सच है कि ईडी जब भी चाहेगी इन नेताओं और मंत्रियों को बंद कर सकती है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

Show More

Akhilesh Akhil

Political Editor

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button