Chief Minister Dhami: खटीमा में सीएम धामी का किसान रूप, धान की रोपाई कर जताया कृषकों के प्रति सम्मान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने गृह क्षेत्र खटीमा में खेतों में उतरकर धान की रोपाई की और किसानों के परिश्रम को नमन किया। उन्होंने पारंपरिक ‘हुड़किया बौल’ के माध्यम से देवताओं की वंदना की और कृषि को संस्कृति से जोड़ने का संदेश दिया। यह पहल किसानों से उनके गहरे जुड़ाव और जमीनी नेतृत्व को दर्शाती है।
Chief Minister Dhami: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक बार फिर अपने सहज, जमीन से जुड़े और कर्मठ व्यक्तित्व की छवि के साथ सुर्खियों में हैं। अपने गृह क्षेत्र खटीमा के दौरे पर पहुंचे सीएम धामी ने शनिवार को खेतों में उतरकर धान की रोपाई की और हल चलाकर किसानों की मेहनत को सलाम किया। यह दृश्य न केवल भावनात्मक था, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री न सिर्फ नीति निर्माण तक सीमित हैं, बल्कि जमीनी हकीकत से भी गहराई से जुड़े हुए हैं।
किसानों के बीच पहुंचे सीएम
शनिवार सुबह नगरा तराई में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्थानीय कृषकों से मिलने उनके खेतों तक पहुंचे। गांव में पहुंचते ही उन्होंने न सिर्फ उनसे संवाद किया, बल्कि उनके साथ खेतों में पसीना भी बहाया। पारंपरिक परिधान में सजे धामी ने हाथ में हल थामा और खुद धान की रोपाई की। यह दृश्य ग्रामीणों के लिए गर्व और प्रेरणा का विषय बन गया।
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इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपने बचपन और युवावस्था के दिनों को याद करते हुए बताया कि वह भी एक किसान परिवार से आते हैं और उन्होंने भी खेतों में खूब मेहनत की है। उन्होंने कहा कि आज खेत में उतरते ही उन्हें अपना अतीत याद आ गया और यह पल उनके जीवन के सबसे सुखद क्षणों में से एक है।
‘हुड़किया बौल’ से की देवताओं की वंदना
धान की रोपाई से पहले मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की परंपराओं के अनुरूप ‘हुड़किया बौल’ के माध्यम से भूमि, जल और वर्षा के देवताओं की वंदना की। उन्होंने भूमि के देवता भूमियां, जल के देवता इंद्र और छाया के देवता मेघ को स्मरण करते हुए ग्रामीण संस्कृति का आदरपूर्वक उल्लेख किया। इसके साथ ही उन्होंने किसानों के परिश्रम, त्याग और समर्पण को नमन करते हुए कहा कि अन्नदाता ही इस देश की असली ताकत हैं।
कृषि और संस्कृति के संगम पर जोर
सीएम धामी ने कहा कि किसानों का कार्य सिर्फ अन्न उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि वे हमारी संस्कृति, परंपरा और विरासत के संवाहक भी हैं। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में खेती एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, और इसके बावजूद राज्य के किसान इसे समर्पण और श्रद्धा से करते हैं। राज्य सरकार कृषि क्षेत्र को सशक्त करने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए अनेक योजनाओं पर कार्य कर रही है।
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उन्होंने यह भी संकेत दिया कि राज्य सरकार जल्द ही किसानों के लिए नई कृषि नीति लाएगी, जिसमें जैविक खेती, सिंचाई सुविधा, उन्नत बीज और फसल बीमा जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी जाएगी।
ग्रामीणों में खुशी और उत्साह
मुख्यमंत्री को खेतों में अपने बीच पाकर ग्रामीणों में विशेष उत्साह देखा गया। स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री के इस सादगीपूर्ण व्यवहार की सराहना की और उन्हें एक सच्चा जन नेता बताया। ग्रामीणों का कहना था कि मुख्यमंत्री का खेतों में उतरकर धान की रोपाई करना यह दर्शाता है कि वह वास्तव में जनता के सुख-दुख में साथ खड़े हैं।
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एक नई राजनीतिक संवेदना
मुख्यमंत्री धामी का यह कदम केवल एक प्रतीकात्मक कार्य नहीं, बल्कि राजनीतिक संवेदना का भी प्रतीक है। यह संदेश देता है कि एक नेता को नीतियों और योजनाओं के साथ-साथ उन पर अमल करने वालों की पीड़ा और मेहनत को भी समझना चाहिए। सीएम धामी ने न केवल खेतों में जाकर किसानों से सीधे संवाद किया, बल्कि उनकी समस्याओं को भी नजदीक से देखा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का खटीमा दौरा एक मजबूत मानवीय और राजनीतिक संदेश के रूप में सामने आया है। उन्होंने यह साबित किया कि एक जनप्रतिनिधि केवल भाषणों और घोषणाओं से नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर कार्य करके और जनता के बीच जाकर भी अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकता है। उनके इस कदम से निश्चित ही राज्य के किसानों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है और यह विश्वास भी बढ़ा है कि सरकार उनके साथ खड़ी है।
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