Latest Haryana Political News: हरियाणा की भारतीय जमता पार्टी (BJP) सरकार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने राज्य में सरकारी नौकरियों (Government Jobs) में सामाजिक-आर्थिक (Socio-Economic) आधार पर 5 प्रतिशत बोनस अंक देने पर रोक लगा दी है। इस बीच, राज्य के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Chief Minister Naib Singh Saini) ने कहा है कि, अगर गरीब युवाओं के हित में 5 बोनस अंक के लिए पुनर्विचार याचिका दायर (Review Petition Filed) करने की जरूरत पड़ी तो वह ऐसा करेंगे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने 2018 से चली आ रही नीति पर अपना फैसला दिया है। हम इसका सम्मान करते हैं। आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण सीईटी परीक्षा (CET Exam) पर कोई सवालिया निशान नहीं है। अगर गरीब युवाओं के हित में 5 अंकों के लिए समीक्षा याचिका दायर करने की जरूरत पड़ी तो हम करेंगे।”
अगले 100 दिन में 50 हजार भर्तियां की जाएंगी – सीएम सैनी
उन्होंने आगे कहा, “युवाओं के हित के लिए अगर हमें विधानसभा में कोई विधेयक लाना पड़ा तो हम लाएंगे। जिन युवाओं को नौकरी मिल गई है, उन्हें जाने नहीं दिया जाएगा। हम अगले 100 दिन में 50 हजार भर्तियां करेंगे। हम यह संकल्प लेते हैं कि हम इसे पूरा करेंगे। हमारी सरकार गरीबों के साथ खड़ी है।”
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने क्या कहा?
वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने आज हरियाणा के निवासियों को “सामाजिक-आर्थिक” मानदंडों के आधार पर कुछ पदों पर भर्ती में 5 प्रतिशत अतिरिक्त अंक देने को खारिज कर दिया। इससे पहले पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) उच्च न्यायालय (High Court) ने भी इस फैसले को खारिज कर दिया था। अब उन छात्रों का क्या होगा? क्योंकि अगर यह मानदंड रद्द कर दिया जाता है, तो उन नौकरियों की भी कोई प्रासंगिकता नहीं रह जाएगी।
इससे पहले आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) द्वारा पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कुछ पदों पर भर्ती में हरियाणा के निवासियों को सामाजिक-आर्थिक मानदंडों पर 5 प्रतिशत अतिरिक्त अंक देने वाली अपनी 2022 अधिसूचना को रद्द कर दिया गया था।