CM Yogi On Muharram: यूपी में मुहर्रम पर क्यों छिड़ी है ‘महाभारत’, मौलानाओं की आई ‘आफत’!
CM Yogi On Muharram: उत्तर प्रदेश में मुहर्रम पर महाभारत छिड़ी हुई है। मौलाना और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच में सियासी तीर छोड़े जा रहे हैं और जमकर एक दूसरे पर प्रहार भी किया जा रहा है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता कमाल फारूकी ने योगी के मुहर्रम अल्टीमेटम पर जैसे ही कहा कि सारी धार्मिक यात्राएं बंद होनी चाहिए..दिल्ली से यूपी तक भूचाल आ गया। कहा जाने लगा कि फारूकी ने योगी को ललकारा है ।
चर्चा ये होने लगी कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने योगी के सामने शर्त रख दी है कि अगर मुहर्रम पर ताजिया जुलूस नहीं निकलेगा तो कांवड़ यात्रा भी नहीं निकलेगी । लेकिन क्या यही सच था? क्या कमाल फारूकी का इरादा यही था। कमाल फारूकी ने कहा कि यदि आप एक मजहब को मानने वालों के लिए ऐसा कहेंगे इसका मतलब गलत है । आप कहेंगे कि हम आपका मुहर्रम बंद कर देंगे..ये योगी साहब नहीं कह सकते । अगर उन्होंने कहा है तो गलत कहा है । तो क्या योगी साहब ये कर देंगे तो बाकी और मजहब के जितने भी फंक्शन हैं क्या…जो सड़कों पर होते हैं…लाउडस्पीकर होते हैं..जुलूस होते हैं। फारूकी का बयान ये नहीं तो वो नहीं वाले फॉर्मूले पर आधारित तो है…लेकिन उन्होंने ये साफ कर दिया कि उन्होंने योगी को धमकी नहीं दी..उन्होंने ये भी नहीं कहा कि मुहर्रम पर रोक लगेगी तो कांवड़ यात्रा भी नहीं निकालने देंगे..जैसा कुछ मीडिया हाउस दावा कर रहे हैं । हां, वो योगी पर मुसलमानों को टारगेट करने का आरोप जरूर लगा रहे हैं।
उन्होंने उत्तर प्रदेश में मुहर्रम जुलूस पर रोक नहीं लगाई है..सिर्फ जुलूस के दौरान तलवार या दूसरे गैर-पारंपरिक हथियार लहराने पर पाबंदी है। ताजिया निकालने पर भी कोई रोक नहीं है…लेकिन ताजिया लिमिट से ऊंचा नहीं होना चाहिए । और हुड़दंग या उपद्रव…ना तो मुहर्रम में बर्दाश्त होगा ना कांवड़ यात्रा में…यही योगी का फरमान है ।
दरअसल, आपको बता दें कि इसी मुहर्रम के समय में सड़कें सूनी हो जाती थीं । खाली हो जाती थीं। आज मुहर्रम आयोजित हो रहा है इसका पता भी नहीं लग रहा है। ताजिया के नाम पर घर तोड़े जाते थे। पीपल के पेड़ काटे जाते थे। सड़कों के तार हटाये जाते थे । पुल तोड़ दिये जाते थे । आज कहा जाता है कि किसी गरीब की झोपड़ी नहीं हटेगी । कोई तार नहीं हटेगा । कहा जाता है कि सरकार नियम नियम मनाएगी, अगर पर्व-त्योहार मनाना है तो नियमों के तहत मनाओ नहीं तो अपने घर में बैठ जाओ। मुहर्रम पर योगी की सख्ती और कांवड़ यात्रा पर मौलानाओं की टेढ़ी नजर।