UP Nishad Party : निषाद युवाओं के सपने को साकार करेंगे सीएम योगी
यूपी विधान सभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने निषाद समाज के लिए कई दावे किये थे। उनमे से एक दावा आरक्षण देने का भी था। यूपी में निषाद जातियों और उपजातियों की आबादी को जोड़ दे तो यह करीब 18 फीसदी के आस पास है। कह सकते हैं हैं कि एक बड़ा वोट बैंक है। हालांकि यूपी निषाद पार्टी (Nishad Party) भी है जिसके नेता संजय निषाद है।
UP News! यूपी विधान सभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने निषाद समाज के लिए कई दावे किये थे। उनमे से एक दावा आरक्षण देने का भी था। यूपी में निषाद जातियों और उपजातियों की आबादी को जोड़ दे तो यह करीब 18 फीसदी के आस पास है। कह सकते हैं हैं कि एक बड़ा वोट बैंक है। हालांकि यूपी निषाद पार्टी (Nishad Party) भी है जिसके नेता संजय निषाद है। यह पार्टी बीजेपी की सहयोगी है और संजय निषाद योगी कैबिनेट में मछली मंत्री भी हैं। लेकिन निषाद समाज को अभी भी एक टीस है कई उसे आरक्षण का लाभ अभी तक नहीं मिला। लम्बे समय से निषाद समाज खुद को अनुसूचित जाति में शामिल होने की मांग करता रहा है। यह बात और है कि सीएम योगी भी इसके पैरोकार रहे हैं लेकिन अभी तक यह सफल नहीं हो पाया। लेकिन यह भी सच है कि निषाद समाज को आगे बढ़ाने के लिए सीएम योगी लगातार प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि निषाद समुदाय के युवाओं को पिछली बीते शुक्रवार को निषाद पार्टी (Nishad Party) का संकल्प दिवस समारोह आयोजित हुआ और इसमें सीएम योगी भी पहुंचे। योगी ने कहा कि पहले सरकारों से गोलियां मिलती थीं लेकिन उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार अब उनके सपनों को साकार कर रही है। निषाद पार्टी के संकल्प दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आए आदित्यनाथ ने कहा, “निषाद राज गुहा और भगवान राम की अविभाज्य मित्रता हमारी विरासत है और यह रामराज्य के सपने को आगे बढ़ा रही है।
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मुख्यमंत्री ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वाराणसी में एमवी गंगा विलास के उद्घाटन पर प्रकाश डाला और कहा कि यह गंगा ‘पुत्र’ (गंगा का पुत्र) निषादों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा। निषाद समुदाय के लिए आरक्षण पर बोलते हुए, आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार सकारात्मक सोच रही है। उन्होंने कहा, “निषाद पार्टी ने 10 साल पहले एक संकल्प लिया था और उसका पूरा होना अंतिम चरण है। जब दुनिया आगे बढ़ रही है, तो समाज के हर वर्ग को आगे बढ़ने का अधिकार होना चाहिए। राज्य सरकार में मछली पालन मंत्री और निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने कहा कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी चुनाव हारने के बाद ही निषादों को याद कर रही है. उन्होंने कहा, “उन्हें निषादों के अधिकारों के लिए चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि योगी हमारी देखभाल कर रहे हैं। निषाद ने कहा कि आदित्यनाथ ने अनुसूचित जाति श्रेणी के तहत निषादों को आरक्षण पर भारत के रजिस्ट्रार जनरल को भी लिखा था।
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बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी में भी जोड़दार तैयारी बीजेपी कर रही है। विपक्षी एकता की सम्भावना को देखते हुए बीजेपी हर जाति ,समाज को अपने से जोड़ रही है और जीत पक्की करने का समीकरण बैठा रही है। यह बात और है कि निषाद समाज पर कई और दलों की नजर है लेकिन संजय निषाद की पकड़ अपने समाज पर ज्यादा है। गंगा के किनारे वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाके में निषाद समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है। वर्ष 2016 में गठित निषाद पार्टी का खासकर निषाद, केवट, मल्लाह, बेलदार और बिंद बिरादरियों में अच्छा असर माना जाता है। गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, जौनपुर, संत कबीरनगर, बलिया, भदोही और वाराणसी समेत 16 जिलों में निषाद समुदाय के वोट जीत-हार में बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं।
संजय सबसे पहले बामसेफ से जुड़े और कैम्पियरगंज विधानसभा से पहली बार चुनाव लड़े और हार गए। यहां से उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई। 2008 में उन्होंने ऑल इंडिया बैकवर्ड ऐंड माइनॉरिटी वेलफेयर मिशन और शक्ति मुक्ति महासंग्राम नामक दो संगठन बनाए। उन्होंने राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद बनाई। मछुआ समुदाय की 553 जातियों को एक मंच पर लाने की मुहिम शुरू की। बीजेपी को निषाद समाज का बड़ा समर्थन है। अगर योगी सरकार इस समाज की मांगों को पूरा कर दे तो आगामी चुनाव में बड़ा असर देखने को मिल सकता है।