अक्टूबर माह के व्रत पर्व की पूरी लिस्ट, यहां देखें कब है नवरात्र, दशहरा और शरद पूर्णिमा
Festivals In October : अक्टूबर के महीने में इस वर्ष एक के बाद एक महत्वपूर्ण व्रत, त्योहार हैं। महीने की शुरुआत में ही सबसे पहले जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika fast) पड़ेगा और महीने का समापन शरद पूर्णिमा (Festivals In October) से होगा। आइए जानते हैं अक्टूबर के व्रत त्योहार की पूरी सूची।
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अक्टूबर का महीना इस बार व्रत त्यो्हारों के लिहाज से बेहद खास रहने वाला है। इस महीने में जहां शारदीय नवरात्र और दशहरा होगा तो वहीं इस महीने में सर्व पितृ अमावस्या और शरद पूर्णिमा भी पड़ने वाले हैं। इन व्रत और त्योहारों को विधि विधान से मनाने में कोई कसर न छूटे, इसके लिए हम आपको बताने जा रहे हैं अक्टूबर के महीने में पड़ने वाले व्रत और त्योहार की (Festivals In October) पूरी सूची। जानें किस दिन पड़ेगा कौन सा त्योहार।
जीवित्पुत्रिका व्रत, 6 अक्टूबर
जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika fast)को जितिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन पड़ता है। इस साल जितिया व्रत 6 अक्टूवर (Festivals In October) को होने वाला हैं। इस व्रत को माताएं अपने बच्चों की दीर्घायु के लिए करती हैं। इस व्रत में महिलाएं व्रत करके सूर्यनारायण भगवान की पूजा करती हैं। महाभारत ( mahabharat) काल सें इस व्रत की शुरुआत हुई थी और यह व्रत निर्जला किया जाता है।
इंदिरा एकादशी 10 अक्टूबर
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से भी (Festivals In October) जाना जाता हैं और यह पितृ पक्ष के बीच में पड़ती है। यह एकादशी मुख्य रूप से पितरों को समर्पित होती है और इस दिन पितरों के निमित्त दान पुण्य़ किए जाने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। उनकी आत्मा को शांति मिलती है।
महालय श्राद्ध, 14 अक्टू्बर
पितृ पक्ष (pitru paksh) में पृथ्वी पर पधारे हमारे पूर्वजों की विदाई पितृ अमावस्या के दिन की जाती है। इस वर्ष पितृ अमावस्या 14 अक्टूबर को होगी। इस दिन मुख्य रूप से उन पूर्वजों का श्राद्ध होता है जिनके मरने की तिथि हमें ज्ञात नहीं होती है। पितृ पक्ष (pitru paksh) में महालय अमावस्या (Festivals In October) को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
शारदीय नवरात्र आरंभ 15 अक्टूबर
शारदीय नवरात्र (navratri) का आरंभ पितृ अमावस्या के अगले दिन से हो जाता है। पितरों को विदा किए जाने के बाद मां दुर्गा का स्वागत किया जाता है। इस वर्ष शारदीय नवरात्र (navratri) की शुरूआत 15 अक्टूबर से होगी और इसका 23 अक्टूबर समापन को होगा। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि (Festivals In October) से होती है और नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन (kanya pujan) के साथ माता रानी को विदा कर दिया जाता है।
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दुर्गाष्टमी 22 अक्टूबर
दुर्गाष्टमी (durgaasthmi) इस बार 22 अक्टूबर को होगी। शारदीय नवरात्र की दुर्गाष्टमी का शास्त्रों में महत्व बहुत ही खास माना गया है। इस दिन महागौरी पूजन के साथ ही कन्या पूजन (Festivals In October) भी किया जाता है। इसके साथ ही इस दिन मां दुर्गा को सुहाग का सामान अर्पित किया जाता है।
नवरात्र समाप्त 23 अक्टूबर
महानवमी पर मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है और इसके साथ ही नवरात्रि (navratri) का समापन हो जाता है। इस दिन नवरात्र का व्रत रखने वाले लोग अपने घरों में कन्या पूजन करके नवरात्र के व्रत को पूरा करते हैं और इसी के साथ शारदीय नवरात्र (Festivals In October) का समापन हो जाता है।
विजयादशमी 24 अक्टूबर
24 अक्टूबर को दशहरा का त्योहार मनाया जाएगा। मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन भगवान राम (ram) ने रावण (ravan) का वध किया था और लंका पर विजय प्राप्त (Festivals In October) की थी। इसी कारण से इस दिन को विजयादशमी (vijyadakshmi) के रूप में भी जाना जाता है। अन्य कथा के मुताबिक मां दुर्गा ने इस दिन महिषासुर का वध किया था। इस उपलक्ष्य में यह जीत का त्योहार मनाया जाता है।
पापांकुशा एकादशी 25 अक्टूबर
पापांकुशा एकादशी 25 अक्टूबर यानि बुधवार को होगी। इस दिन व्रत करने से समस्त पापों का नाश होता है। इस व्रत के प्रभाव से अनेक अश्वमेघ और सूर्य यज्ञ करने के समान फल (Festivals In October) की प्राप्ति होती है। इसलिए पापाकुंशा एकादशी व्रत का बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
शरद पूर्णिमा व्रत 28 अक्टूबर
हिंदु पंचांग में कहा गया है कि शरद पूर्णिमा आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस बार शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को होगी। इसे कोजागिरी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी रात्रि में भ्रमण करने धरती पर आती हैं। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी सभी 16 कलाओं से पूर्ण होता है। इस दिन चंद्रमा की रोशनी में खीर बनाकर रखी (Festivals In October) जाती है और ऐसी मान्यता है इस दिन रात को धरती पर अमृत बरसता है। शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।