50th Anniversary of Emergency: कांग्रेस ने लोकतंत्र को किया था गिरफ्तार… आपातकाल के 50 साल पूरे, पीएम मोदी ने इंदिरा सरकार पर कसा तंज
भारतीय जनता पार्टी आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ को "संविधान हत्या दिवस" के रूप में मना रही है। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों के हनन की निंदा की। भाजपा ने इस दिन को देश के लोकतांत्रिक इतिहास के काले अध्याय के रूप में याद किया और आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों को श्रद्धांजलि दी।
50th Anniversary of Emergency: भारतीय जनता पार्टी आज संविधान हत्या दिवस के रूप में मना रही है। पीएम मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह तक सभी नेताओं ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है। पीएम मोदी ने लिखा कि आज भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक आपातकाल को लागू हुए 50 साल पूरे हो रहे हैं। इस दिन को भारत के लोग संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं।
उन्होंने लिखा कि इस दिन भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया। मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को समाप्त कर दिया गया और कई राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया। ऐसा लग रहा था जैसे उस समय सत्ता में मौजूद कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी भारतीय कभी नहीं भूल सकता कि किस तरह हमारे संविधान की भावना का हनन किया गया। संसद की आवाज दबाई गई और अदालतों को नियंत्रित करने की कोशिश की गई। 42वां संशोधन उनकी हरकतों का एक प्रमुख उदाहरण है।
‘The Emergency Diaries’ chronicles my journey during the Emergency years. It brought back many memories from that time.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2025
I call upon all those who remember those dark days of the Emergency or those whose families suffered during that time to share their experiences on social…
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आपातकाल के दौरान लड़ने वालों को सलाम: मोदी
प्रधानमंत्री ने लिखा कि हम उन सभी को सलाम करते हैं जो आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहे। ये पूरे भारत के लोग थे, हर क्षेत्र से, अलग-अलग विचारधाराओं से, जिन्होंने एक ही उद्देश्य के लिए मिलकर काम किया। भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना और उन आदर्शों को कायम रखना जिसके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया था। यह उनका सामूहिक संघर्ष ही था जिसने सुनिश्चित किया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लोकतंत्र बहाल करना पड़ा और नए चुनाव कराने पड़े। जिसमें वे बुरी तरह हार गए।
आपातकाल कांग्रेस की लोकतंत्र विरोधी मानसिकता- शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि आपातकाल कांग्रेस की सत्ता की भूख का अन्यायपूर्ण काल था। नई पीढ़ी को पता होना चाहिए कि 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल के दौरान देशवासियों ने क्या दर्द और यातनाएं झेलीं। इसी उद्देश्य से मोदी सरकार ने इस दिन को संविधान हत्या दिवस का नाम दिया। यह दिन बताता है कि जब सत्ता तानाशाह हो जाती है तो जनता के पास उसे उखाड़ फेंकने की ताकत होती है।
‘आपातकाल’ कांग्रेस की सत्ता की भूख का ‘अन्यायकाल’ था। 25 जून 1975 को लगे आपातकाल में देशवासियों ने जो पीड़ा और यातना सही, उसे नई पीढ़ी जान सके, इसी उद्देश्य से मोदी सरकार ने इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ का नाम दिया। यह दिवस बताता है कि जब सत्ता तानाशाही बन जाती है, तो जनता उसे… pic.twitter.com/UdGRzNCcgw
— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2025
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उन्होंने कहा कि आपातकाल राष्ट्रीय आवश्यकता नहीं थी, बल्कि कांग्रेस और एक व्यक्ति की लोकतंत्र विरोधी मानसिकता का परिचायक था। प्रेस की स्वतंत्रता को कुचला गया, न्यायपालिका के हाथ बांध दिए गए और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया गया। देशवासियों ने ‘सिंहासन खाली करो’ का नारा बुलंद किया और तानाशाह कांग्रेस को उखाड़ फेंका। इस संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी वीरों को भावभीनी श्रद्धांजलि।
50 साल बाद भी कांग्रेस की मानसिकता नहीं बदली- जेपी नड्डा
आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, “पचास साल पहले तत्कालीन कांग्रेस प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी, जो एक राजनीतिक घटना नहीं थी बल्कि लोकतंत्र पर सीधा हमला था। पचास साल बाद भी कांग्रेस उसी मानसिकता के साथ जी रही है। उसके इरादे आज भी वही हैं जो 1975 में थे।”
25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ‘आंतरिक अशांति’ का बहाना बनाकर भारत पर आपातकाल थोप कर देश के संविधान की हत्या कर दी थी।
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 25, 2025
50 वर्ष बाद भी कांग्रेस उसी मानसिकता के साथ चल रही है, उसकी नीयत आज भी वैसी ही तानाशाही वाली है।
#SamvidhanHatyaDiwas pic.twitter.com/iKZKDcRSFO
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कांग्रेस लोकतांत्रिक परंपराओं को नहीं मिटा पाई- राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि 50 साल पहले भारत ने आपातकाल का काला दौर देखा था, जिसमें लोकतंत्र के मूल्यों को कुचलने की कोशिश की गई थी। विपक्षी नेताओं को जेलों में डाल दिया गया, संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया गया। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद तत्कालीन सरकार इस देश में मौजूद लोकतांत्रिक परंपराओं को मिटा नहीं पाई।
आज से पचास साल पहले भारतीय लोकतंत्र का आपातकाल के माध्यम से गला घोंटने का कुत्सित प्रयास किया गया था। आपातकाल को लोग आज भी भारतीय लोकतंत्र के सबसे काले अध्याय के रूप में याद रखते हैं।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 25, 2025
संविधान को दरकिनार करते हुए जिस तरीके से देश पर आपातकाल थोपा गया वह सत्ता के दुरुपयोग और…
उन्होंने कहा कि आजादी के लिए लड़ने वालों के संघर्ष और बलिदान ने भारत के लोकतंत्र को बचाया है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में घोषित करना इस काले अध्याय को याद करने और तानाशाही के खतरों के बारे में जागरूकता फैलाने का एक प्रयास है।
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