Political News: राजनीति तो सभी कर रहे हैं। सभी राजनीति का मकसद भी एक ही है। मकसद यही है कि सामने वाले को कुचल दें और सत्ता उसके हाथ में आ जाये। इस खेल में किसी पहलवान की जरूरत नहीं होती। यहाँ पहलवानी तो चलती भी नहीं। यहाँ तो खेला होता है। रणनीति और कूटनीति बनती है। जातीय खेल होता है। धार्मिक आडम्बर के तहत जनता को बरगलाया जाता है। और इस खेल में विजय उसी की होती है जिसके पास खिलाड़ी अधिक होते हैं। भाँती -भाँती के खिलाड़ियों को अलग -अलग तरह की जिम्मेदारी दी जाती है और जब सब मिलकर अपनी जिम्मेदारी को निभा देते हैं तो खेला बड़ा होता है और फिर राजनीति बदल जाती है।
Also Read: Latest Hindi News Political News । News Today in Hindi
बीजेपी भी खेल कर रही है। उधर कांग्रेस भी बड़े खेल की तैयारी में है। बीजेपी को राम मंदिर का आसरा है तो कांग्रेस को अपनी यात्रा पर गुमान है। कांग्रेस को लग रहा है कि देश के लोग उनके तरफ आ सकते हैं। कांग्रेस को वोट दाल सकते हैं और उन्हें जीता भी सकते हैं। ऐसा सम्भव भी है और नहीं भी। पिछले साल भी राहुल गाँधी ने बड़ी यात्रा की थी। उत्तर से दक्षिण तक चार हजार किलोमीटर की यात्रा की थी। लेकिन कांग्रेस को कोई बड़ा लाभ नहीं हो सका। उत्तर भारत के तीन बड़े राज्य बीजेपी के साथ चले गए। हिंदी पट्टी के ये तीन राज्य बड़े राज्य हैं और इनमें से दो राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी। चली गई। यह कांग्रेस को बड़ा झटका है। अब कांग्रेस फिर से आगे बढ़ने को उन्मत्त है। एक गठबंधन को भी तैयार किया है। विपक्षी दलों का नया गठबंधन। नाम है इंडिया गठबंधन। कई बड़े दल इस गठबंधन में शामिल हैं। इस गठबंधन में शामिल अधिकतर पार्टियां कई राज्यों में सरकार चला रही है या फिर मुख्य विपक्ष की भूमिका में सरकार को चुनौती दे रही है। ऊपर से देखने में यही लगता है कि इंडिया गठबंधन बीजेपी पर भरी पड़ सकता है। लेकिन सच यह नहीं है। सच तो यही है कि जनता के बीच झूठी राजनीति जिसकी होगी जीत उसी की होगी। धर्म और जाति की राजनीति पर देश की राजनीति आगे बढ़ती है और इसे भी तेज किये जाने के लिए सभी पार्टियां मोर्चा बनाये हुए हैं।
Read: Latest Hindi News Today | Today Hindi Samachar
उधर कांग्रेस को लग रहा है कि उत्तर भारत में उसे कोई बड़ा लाभ नहीं मिल सकता। एक समय था कि उत्तर भारत में कांग्रेस की मजबूत पकड़ थी लेकिन अब कांग्रेस कहीं नहीं है। बड़ा वोट बैंक बीजेपी के साथ चला गया और जो बचा वह क्षेत्रीय दलों के साथ जुट गया। जातीय राजनीति ने पहले कांग्रेस को कमजोर किया और अब धार्मिक राजनीति कांग्रेस को कमजोर करती जा रही है। उत्तर भारत में कांग्रेस के लिए अभी कोई जगह नहीं। आंध्रा प्रदेश से बड़ी खबर आ रही है। कांग्रेस के सामने आंध्रा प्रदेश में सरकार बनाने की चुनौती है। कांग्रेस जिस तरह से कर्नाटक और तेलंगाना में जीत हासिल कर सकी है उससे लगने लगा है कि कांग्रेस अब आंध्रा पर कुछ ज्याद ही फोकस कर रही है। उसे लग रहा है कि अगर मजबूती के साथ मेहनत की जाए तो आंध्रा में उसकी सरकार भी बन सकती है मौर लोकसभा की सीटें भी ज्यादा आ सकती है। अब कांग्रेस ने वाईएस शर्मिला को प्रदेश की अध्यक्ष बनाने की तैयारी में है। अभी तक वहां जो कांग्रेस के अध्यक्ष थे उन्होंने कल इस्तीफा दे दिया। आंध्रप्रदेश के अध्यक्ष रहते हुए जी रूद्र राजू ने कहा था कि अगर शर्मीला पार्टी में आती है तो उनके लिए वह अपना पद छोड़ सकती है। और अब उन्होंने ऐसा ही किया है।
Read More News: Latest Political News Today in Hindi | Political Samachar in Hindi
पिछले चार जनवरी को वाईएस शर्मिला कांग्रेस में शामिल हुई थी। उनकी राजनीति तेलंगाना में चल रही थी। हालांकि तेलंगाना विधान सभा चुनाव के दौरान शर्मीला की पार्टी ने चुनाव नहीं लड़ा और कांग्रेस को उन्होंने समर्थन किया था। कांग्रेस की जीत के पीछे शार्मिका की बड़ी भूमिका मानी जाती है। अब शर्मिला को अपने मुख्यमंत्री भाई जगन रेड्डी से ही लड़ना है। जगन रेड्डी अभी आँध्रप्रदेश के सीएम है और जनता के बीच उनकी मजबूत पकड़ भी है , लेकिन सच यही है कि जगन की जमीन को मजबूत करने में शर्मिला की बड़ी भूमिका रही है। अब शर्मिला जब कांग्रेस में आ गई है तो कांग्रेस उसे बड़ी जिम्मेदारी देकर आंध्रा को साधने को तैयार है। उम्मीद की जा रही है कि शर्मिला को अध्यक्ष बनाया जा सकता है और ऐसा हुआ तो आंध्रा में भाई -बहन के बीच की राजनीति देखने वाली होगी।