Donald Trump reciprocal tariff: कांग्रेस ने पारस्परिक टैरिफ पर मोदी सरकार को घेरा, ट्रंप की धमकियों पर चुप्पी को लेकर उठाए सवाल
Donald Trump reciprocal tariff: कांग्रेस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पारस्परिक टैरिफ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि पीएम मोदी को केवल "तारीफ" में रुचि है, जबकि उन्हें अमेरिकी धमकियों का सामना करना चाहिए। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि सरकार को देश के आर्थिक हितों की रक्षा करनी चाहिए, लेकिन प्रधानमंत्री टैरिफ के बजाय तारीफ पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर भी निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह एक अमेरिकी दूत की तरह व्यवहार कर रहे हैं और भारत की बजाय अमेरिका के प्रवक्ता की तरह बोल रहे हैं।
Donald Trump reciprocal tariff: कांग्रेस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए जाने वाले पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal Tariff) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर तीखा हमला बोला है। पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को टैरिफ से ज्यादा “तारीफ” की चिंता है और वह अमेरिकी दबाव के आगे “56 इंच के सीने” का दावा करने के बावजूद चुप्पी साधे हुए हैं।
कांग्रेस ने सरकार की चुप्पी पर उठाए सवाल
जयराम रमेश ने कहा कि अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने और भारतीय प्रवासियों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के बावजूद मोदी सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे भारत के बजाय अमेरिका के प्रवक्ता की तरह व्यवहार कर रहे हैं।
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“हमारे प्रधानमंत्री केवल तारीफ सुनना चाहते हैं, उन्हें टैरिफ की चिंता नहीं है। तारीफ कम और टैरिफ पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए,” रमेश ने कहा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जयशंकर अमेरिकी राजदूत की तरह बोल रहे हैं, जबकि अमेरिका में इस समय कोई स्थायी राजदूत नहीं है।
अमेरिकी टैरिफ को लेकर ट्रंप का रुख और भारत की प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत और अन्य देशों द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ की आलोचना करते हुए इसे अनुचित करार दिया था। उन्होंने कहा कि अमेरिका जल्द ही पारस्परिक टैरिफ लागू करेगा, जिससे भारत को भारी नुकसान हो सकता है।
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ट्रंप ने यह भी दावा किया कि भारत के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा 100 बिलियन डॉलर के करीब है, जिसे कम करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत हुई है। ट्रंप ने कहा कि भारत और अमेरिका व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने की दिशा में काम करेंगे।
कांग्रेस का सरकार पर हमला – “भारत की संप्रभुता का मामला”
कांग्रेस का कहना है कि ट्रंप की धमकियां भारत की आर्थिक संप्रभुता पर सीधा हमला हैं, लेकिन मोदी सरकार इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से करते हुए कहा कि उन्होंने 1971 में अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन और हेनरी किसिंजर को करारा जवाब दिया था, जबकि “मोदी जी ट्रंप को गले लगाने में व्यस्त हैं।”
उन्होंने सवाल उठाया, “प्रधानमंत्री का 56 इंच का सीना कहां है? ट्रंप भारत को धमका रहे हैं, लेकिन सरकार चुप क्यों है?”
अमेरिका-भारत व्यापार पर असर
2024 में अमेरिका और भारत के बीच कुल वस्तु व्यापार 129.2 बिलियन डॉलर का रहा। इसमें अमेरिका से भारत को निर्यात 41.8 बिलियन डॉलर का था, जो 2023 की तुलना में 3.4% (1.4 बिलियन डॉलर) ज्यादा था। वहीं, अमेरिका ने भारत से 87.4 बिलियन डॉलर का आयात किया, जो 2023 से 4.5% (3.7 बिलियन डॉलर) ज्यादा था।
2024 में भारत के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा 45.7 बिलियन डॉलर हो गया, जो 2023 की तुलना में 5.4% (2.4 बिलियन डॉलर) अधिक है।
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भारतीय प्रवासियों के मुद्दे पर भी सरकार निशाने पर
जयराम रमेश ने अमेरिका से भारतीय प्रवासियों के जबरन निर्वासन और उनके साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार को लेकर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि कई भारतीय प्रवासियों, विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और गुजरात के लोगों को हथकड़ी पहनाकर निर्वासित किया गया, लेकिन सरकार ने कोई सख्त प्रतिक्रिया नहीं दी।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि गुजरात के प्रवासियों को राजनीतिक लाभ लेने के लिए अमृतसर में उतारने को कहा गया, जिससे यह साफ है कि सरकार चुनावी फायदे के लिए मुद्दों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है।
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बजट सत्र में उठेगा यह मुद्दा
कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वह आगामी बजट सत्र के दूसरे चरण में अमेरिकी पारस्परिक टैरिफ और प्रवासियों के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाएगी। जयराम रमेश ने कहा कि यह केवल व्यापार का मामला नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक संप्रभुता और विदेश नीति की मजबूती से जुड़ा मुद्दा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस तरह के गंभीर मुद्दों पर कभी सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाती, और जब बुलाती भी है तो विदेश मंत्री और गृह मंत्री केवल उपदेश देकर चले जाते हैं।
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मोदी सरकार पर अंतरराष्ट्रीय नीति को लेकर उठे सवाल
कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार की विदेश नीति पूरी तरह से दिखावटी है, जहां प्रधानमंत्री केवल वैश्विक मंचों पर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन जब वास्तविक समस्याएं सामने आती हैं तो चुप्पी साध लेते हैं।
जयराम रमेश ने कहा कि अमेरिका से आने वाली धमकियों को लेकर सरकार को संसद में जवाब देना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा, “हम संसद में यह सवाल उठाएंगे कि सरकार अमेरिका से पारस्परिक टैरिफ और भारतीय प्रवासियों के मुद्दे पर क्या कर रही है?”
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